IAS Topper Success Story in Hindi नमस्कार दोस्तो, आपके सामने आज हम एक ऐसी आत्मसम्मान की कहानी पेश करने जा रहे है जो आपकी सोच बदल देगी और आप अपने लिये और अपनो के लिये कुछ ऐसा करने का व्रत लेंगे जो आपने खुद कभी सपने में भी नही सोचा होगा !
ये कहानी आईएएस गुरू शरद तिवारी ”नि:शब्द” द्वारा लिखी गई है , तो चलिये दोस्तो शुरु करते है –
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IAS Topper Success Story in Hindi
गली के नुक्कड़ की चाय की दुकान अड्डा थी चौधरी जी एवं खान चाचा की राजनीतिक एवं धार्मिक चर्चा की .जहाँ दोनों दिन भर के काम से थके हारे अपना अनुभव साझा करते थे और थोड़ी हंसी मजाक के बाद घर लौट जाते थे ! चौधरी जी जहाँ लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर थे वहीँ खान चाचा इण्टर कॉलेज में प्राध्यापक ! दोनों रोज की तरह ही चर्चा में लगे हुए थे तभी अचानक खान चाचा ने चौधरी जी का ध्यान खींचते हुए कहा चौधरी जी ये तो अपना सुमित है ना ? चौधरी जी ने नजर दौड़ाई तो उनका बेटा सुमित किसी लड़की के साथ बाइक पर तेजी से चला जा रहा था और वह लड़की भी इतनी अभद्र अवस्था में बैठी हुई थी कि चौधरी जी को भी शर्म आ गयी ! लेकिन अगले ही पल अपनी झेंप को मिटाते हुए चौधरी जी ने कटाक्ष किया कि चाचा …चौधरियों का खून है .. गर्म तो होगा ही और ये उम्र भी ऐसी होती ही है ..इस बात पर दोनों ठहाके लगाकर हंस पड़े ….पर कुछ देर बाद सामने से ही चौधरी जी की बेटी किसी लड़के के साथ बाइक पर घर की तरफ जा रही थी हालाँकि यह बहुत ही सभ्य अवस्था में बैठी थी ..पर थी तो लड़की न ? .. चाचा ने व्यंग्य भरी निगाहों से चौधरी जी की तरफ देखा और चौधरी जी इस बार चुप रहे ! ..जल्दी ही दोनों ने चाय ख़त्म की और चौधरी जी घर की ओर तेजी से चल पड़े ! गुस्से से उनका चेहरा तमतमा उठा था !
चौधरी जी के दो बच्चे थे बड़ी बेटी श्रेया और छोटा बेटा सुमित ! श्रेया परास्नातक अंतिम वर्ष में थी और सुमित स्नातक अंतिम वर्ष में ! इंजीनियर का बेटा एवं छोटा होने के कारण सुमित लाढ प्यार में बिगड़ गया था हालाँकि श्रेया भी फैशन एवं शौक बहुत रखती थी किन्तु वह सुमित की तरह अय्याश नहीं थी ! आज उसका परास्नातक का अंतिम पेपर था एवं कॉलेज में ही सीढ़ियों से उतरते समय वो लड़खड़ा गयी जिससे उसके पैर में हल्की सी मोच आ गयी ! राहुल ( जो उसका जूनियर था और उसको दीदी बोलता था और बहन की तरह मानता भी था ) के साथ घर आ रही थी तभी चाचा और चौधरी जी की नजर उसपर पड़ी और हंगामा खड़ा हो गया ! चौधरी जी को सच पता नहीं था !! इधर जैसे ही चौधरी जी गुस्से में घर पहुंचे ..श्रेया और सुमित ने अपनी अपनी फरमाइशें रख दी …सुमित बोला पापा मुझे पीसीएस की तैयारी करने दिल्ली जाना है और श्रेया ने कहा पापा मैं एमफिल करना चाहती हूँ …लेकिन श्रेया चौधरी जी के गुस्से से बिलकुल अंजान थी ! उसके इतना कहने पर चौधरी जी उसपर बरस पड़े … उन्हें खुद नहीं पता था कि वो क्या कहे जा रहे हैं … मां ने जब पूछा कि आखिर उसकी गलती क्या है ..तो बोले की सडकों पर लड़कों के साथ घूमती है ..मेरी इज्जत तार तार कर दी .इसको आगे पढ़ने से अच्छा है इसका मुंह जल्दी से काला कर दो … श्रेया को बहुत बड़ा धक्का लगा ..जिनपर वो इतना ज्यादा यकीन भरोसा करती है उनको जरा भी यकीन नहीं है अपनी बेटी पर …… श्रेया के आंसू भर आये …और भरे हुए गले से बोली ..पापा जरा सा तो यकीन कर लिया होता … एक बार सच जानने की कोसिस तो की होती …और इतना कहकर वो ऊपर अपने कमरे में चली गयी …..!
कमरे में अपने पापा की बातों को याद करके बार बार रोती रही और रोते रोते जाने कब उसे नींद आ गयी … ! रात में मां खाने के लिए जगाने भी आई पर उसने खाना खाने से मना कर दिया …मां ने जब सच्चाई बताई तो चौधरी जी को अपने किये पर पछतावा हुआ …..अगली सुबह श्रेया देर से उठी और उस दिन भी उसने न तो खाना खाया और न ही किसी से बात की …सबने बहुत मनाया और माफ़ी मांगी पर पता नहीं इस बार जख्म कुछ गहरे थे वो बार बार पापा की बातों को याद करके रो रही थी ! मम्मी पापा ने सोचा कि धीरे धीरे सब ठीक हो जायेगा अभी गुस्सा है लेकिन ऐसा नहीं हुआ कहते हैं न “””” कि जीभ में लगे जख्म जल्दी ठीक हो जाते है लेकिन जीभ से लगे जख्मों को भरने में बहुत समय लगता है “”” कुछ यूँ ही श्रेया के साथ भी हुआ… अगले दिन एमफिल के आवेदन की अंतिम तिथि थी लेकिन श्रेया ने आवेदन नहीं किया .उसे इस बात का दर्द था की किसी ने उससे एक बार भी नहीं कहा की बेटी तू पढ़ ….अब श्रेया खाना तो खाने लगी थी पर उसका स्वभाव बहुत बदल गया था … अगली सुबह सुमित दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गया और उसे आशीर्वाद देते समय पापा इतने खुश थे जैसे वह पीसीएस बनने नहीं बनकर जा रहा हो ! .. .. बस श्रेया ने भी फैसला कर लिया की अगर पीसीएस इतनी अच्छी चीज है जो उसका खोया हुआ आत्मसम्मान वापस दिला सकती है तो वह पीसीएस बनकर दिखाएगी …! पर कैसे ..? ..इसके बारे में उसे कुछ नहीं पता था …पर भरोसा था उसे अपनी जिद पर …!
उसने इंटरनेट में खोजना शुरू किया … थोड़ा मिला तो और रूचि जगी … इस थोड़ा थोड़ा करके उसने पीसीएस के बारे में सबकुछ पता कर लिया …जाने कितनी websites और पेज सर्च किये …और तीन दिन में उसे सब कुछ मालूम चल गया की इसका पाठ्यक्रम कैसा है ..? .. कैसे पेपर आते हैं ..? ..पेपर में किस प्रकार के प्रश्न आते हैं ..? .. फॉर्म कब निकलते हैं आदि आदि …. अभी अप्रैल चल रहा था और उसे पता था की पेपर मार्च में होगा यानि उसके पास लगभग 10 माह का समय है …websites के माध्यम से उसने बुक लिस्ट तैयार करी ..कि आखिर उसे कितनी बुक्स की जरुरत पड़ेगी ..? …पर सवाल था की बुक्स कौन लेकर आये …? क्योंकि वह बाहर नहीं जाना चाहती थी ..इसके लिए उसने न्यूज़ पेपर लाने वाले लड़के चंदू को चुना ..क्योकि ज्यादातर पेपर के लिए श्रेया ही गेट खोलती थी … उसने चंदू को लिस्ट थमा दी और बोली की ये बुक्स तू ले आ तो तुझे 100 का दूंगी पर हाँ किसी को पता न चलने पाये एक एक करके ही लाना ..चंदू खुश हो गया…..!!
उसदिन श्रेया ने अपना सारी दिनचर्या व्यवस्थित कर ली ..किस समय क्या क्या करना है सब फिक्स हो गया … अगली सुबह एक नयी सुबह थी … हर दिन 7 या 8 बजे उठने वाली श्रेया आज 4 बजे ही उठ गयी थी ..सारे काम जल्दी जल्दी ख़त्म करके … लॉन में पढ़ाई के लिए बैठ गयी ..पापा ऑफिस चले गये थे और मां काम में लगी हुई थी … घर वालों को उसके बदले हुए स्वभाव का अहसास हो गया था …शाम में पापा के वापस आने पर मां ने उनसे जिक्र किया ..कि अपनी बेटी अब सुधर गयी है …..पहले गर्मियों में दोस्तों के साथ बाहर घूमने जाया करती थी .., सारी गर्मियों में जाने कितनी फ़िल्में खत्म हो जाती थी … पर इस बार …..इतना कहकर उनका गला भर आया ….. !! …श्रेया के लिए अब शादी , पार्टी , पिकनिक आदि के मायने खत्म हो गए थे …. उसकी दुनिया उसके अपने कमरे तक थी और उसकी दोस्त उसकी अपनी किताबें …जब कभी बोर होती तो कमरे कि खिड़की से खड़े होकर बाहर का नजारा देखती …… और पुरानी बातों को याद करके फिर से थोड़ा रो लेती ……. उसकी अपनी फ्रेंड्स भी तैयारी करने या आगे पढ़ने बाहर चली गयी थी और वहां उनको नए दोस्त मिल गए जिसके बाद उन्होंने श्रेया से बात करना बहुत कम कर दिया ….. इसका कारण यह भी था कि उनको लगता था कि श्रेया अब घर में कुछ नहीं कर पायेगी … !! ..
मम्मी ने भी उसे बहलाने कि बहुत कोसिस की उसके मां का खाना बनाया , उसे बार बार समझाया ..कई बार तो जो टीवी प्रोग्राम श्रेया को बहुत पसंद होते थे मम्मी उन्हें लगाकर ..वॉल्यूम बढ़ा देती थी ताकि कोई वजह हो जिससे वह किसी तरह नीचे आ जाये ..पर श्रेया अब पूरी बदल चुकी थी ….. समय बीतता गया और श्रेया भी दिन रात मेहनत करती रही ….आखिर वह दिन भी आ गया जिस दिन उसकी प्रारंभिक परीक्षा थी …श्रेया ने मां से कहा आज एक फ्रेंड की पार्टी है मुझे जाना है …. मम्मी ने उसे नहीं रोका क्योंकि 10 महीने में पहली बार वह घर से बाहर निकल रही थी …उसने प्रारंभिक परीक्षा दी .. और घर आकर फिर दुगनी तेजी से मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट गयी … कुछ दिनों बाद प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम आया सुमित ने फ़ोन करके घर बताया कि उसने प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली है …. मम्मी पापा के खुशियों का ठिकाना नहीं रहा .. पास तो श्रेया भी थी पर उसने किसी को नहीं बताया था कि वह पीसीएस की तैयारी भी कर रही है !
कुछ दिनों बाद मुख्य परीक्षा भी आ गयी फिर श्रेया ने कुछ बहाने बनाकर मुख्य परीक्षा दी … और फिर से तैयारी में जुट गयी …. मुख्य परीक्षा का परिणाम आया और इस बार भी श्रेया पास हुई पर सुमित पास नहीं हुआ था उसे अपनी ख़ुशी से ज्यादा अपने भाई का दुःख था ….. श्रेया ने इंटरव्यू की तैयारी की और उसका इंटरव्यू भी अच्छा गया ….. अब वह अंतिम परिणाम की प्रतीक्षा करने लगी और वो दिन भी आ गया जिस दिन उसका अंतिम परिणाम आना था ….. श्रेया ने जल्दी ही सारे काम खत्म किये और लैपटॉप खोलकर बैठ गयी ….पर रिजल्ट में अभी भी coming soon ही शो हो रहा था ..वह निराश हो गयी और एक उपन्यास पढ़ने लगी …पढ़ने में इतना तल्लीन हो गयी की समय का पता ही नहीं चला और तभी दिव्या दीदी का फ़ोन आया …श्रेया तूने अपना रिजल्ट देखा …? …मैं तो सेलेक्ट हो गयी हूँ …श्रेया बोली दीदी मैं देख बताती हूँ … श्रेया को बहुत दर लग रहा था …धडकने बढ़ गयी थी …उसने वेबसाइट खोली और लिस्ट चेक करने लगी ….उसने ऊपर से 50 नंबर तक देखा पर उसका नाम नहीं था ….वो बहुत दर गयी .. अब वह नीचे से देखने लगी … नीचे से ऊपर आते समय 73 नंबर पर उसने अपना रोल नंबर देखा ..एक बार फिर मिलाया …फिर कई बार मिलाया उसे यकीन नहीं हो रहा था ….
उसने तुरंत फेसबुक प्रोफाइल खोली और 10 माह बाद अपडेट किया …..””” Finaly I am Selected In PCS with 73 rank “” .. और उसपर उसकी फ्रेंड्स का massage आया ….. गुड जोक और दूसरे का कि अच्छा मजाक है तेरे बस की बात नहीं ….. और एक का आया कि मुझे यकीन था कि तू एक दिन बनेगी .श्रेया के सामने उसके सपनों की दुनिया पंख फैलाए खड़ी थी …! … सुमित ने पोस्ट पढ़ी और तुरंत पापा को घर फ़ोन किया …. चौधरी जी को अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था ..वो दौड़ कर ऊपर श्रेया के कमरे में पहुंचे …. श्रेया कि आँखों में उन जख्मों का दर्द साफ झलक रहा था जो चौधरी जी ने उसे बहुत पहले दिए थे …चौधरी जी ने उसे गले से लगा लिया …और दोनों फफक फफक कर रो पड़े …. दोनों कि आँखे बरस रही थी ..बस फर्क इतना था कि एक कि आँखों में प्रायश्चित के आंसू थे तो दूसरे की आँखों में आत्मसम्मान के ….!!!!
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आपका अपना शरद तिवारी “” निःशब्द “”
Very nice & thanks
Heartiest thanks sir
Very nice story Sir I feel I can do everything
आपमें Postive Thinking जगाना ही हमार उद्देश्य है लेकिन ये शुक्रिया पर पहला हक शरद सर का है
very inspirational story sir ji
we can do every thing sir but …self confidence must..
जी आदित्य
Thank you so much for your story, your story is very strong and energetic.
Such m sir apki post bahut hi motivational hoti h.i am always with u sir
शानदार पोस्ट …. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति …. Thanks for sharing this!! 🙂 🙂
All is well
Very nice story sir
bahut achhi story.sir may i know your whatsapp no.
सर मै आपका बहूत ध न्यवाद करता हूँ आपने एक विश्वास जगाने की कहानी सबके सामने रखी
जिससे स्टूडेंट्स के अंदर कुछ करने की प्रेरणा जागेगी।
धन्यवाद सर
sir I form to village I don’t know about to proper book to different subject sir I request to you for proper book,magzine&news paper.please talk to me.
UPSC/IAS व अन्य State PSC की परीक्षाओं हेतु Toppers द्वारा सुझाई गई महत्वपूर्ण पुस्तकों की सूचीhttp://gktrickhindi.com/books-list-for-upsc-ias-and-state-psc-in-hindi-and-english-medium/
congratulation …..
bahut hi sandar…yh story mughe andar tak hila ke rakh di hai…
mere pas koi sabd nhi hai….
ap sada khus rho,,,
MANY MANY THANKS WITH DEEP OF HEARTS…
Sir it’s very great story
This one is very informative blog, thank you for sharing such useful information
Sir mai bhi ias ki teyari kr rha hu or mujhe to aisa feel ho rha hai ki duniya bhi mere samne aa jaye mujhe rokne ke liye to nhi rok paega. I feeling so great.
Please aise hi post krte rhiye sir.thanks
Suprb sir nice story kuchh ummid jagi new karne ki thanks
Very nice & thanks
Thanks
Sir mujhe bhi IAS ki tayri karni h par koy help nhi karta hai. agar kisi KO bolta hu to majak urate hai meri or kahte hai ki tu banega IAS. Par ab mai bhi ban kar dikhauga or logo ki help karuga.thanx
All The Best Bhai , You Can Do It
Thank you sir my life change this story .more time thanks a lot.
Nice story, keep up the good work
Nice sir , Thanks
Very nice story.
#Nice_story
It really sounds like a motivational story. I would appreciate if you add a few more stories like this.
Motivation
बहुत अछि कहनी थी सर
सर इस कहनी की किताब मिल सकती हैं क्या
Nice story 👌
I like it