Hello Friends , कैसे हैं आप सभी ? आशा है कि आपकी पढाई बहुत अच्छी चल रही होगी ! आज की पोस्ट उन लोगों के लिये बहुत ही खास है जो मध्यप्रदेश पटबारी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं ! आज की हमारी पोस्ट में हम आपको पटवारी भर्ती परीक्षा के एक महत्वपूर्ण टापिक पंचायती राज के अंतर्गत मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय / प्रशासन के बारे में जानकारी देंगे ! ये पोस्ट बहुत ही Important है इसीलिये आप इसको अच्छे से रट डालिये बस !
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मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय / प्रशासन
- मध्यप्रदेश में नगर पालिका अधिनियम 1956 पारित किया गया , जिसके द्वारा संपूर्ण मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में प्रशासन किया जाता है ! इस व्यवस्था को वास्तिविक सफलता उस समय मिली जब 74 वां संविधान संशोधन 1992 के द्वारा संवैधानिक दर्जा प्रदान कर इनके अधिकारों को सुनिश्चित किया गया !
- 1992 में देश में 74 वां संविधान संशोधन अधिनियम बना जो 16 जनवरी 1993 से पूरे देश में लागू हुआ !
- इसके तहत त्रि-स्तरीय नगरीय निकायों की व्यवस्था की गई !
- तीनों स्तरों के नगरीय निकायों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है !
- राइट टू रिकॉल के माध्यम से वापस भी बुलाया जा सकता है ! कम से कम 2 वर्ष बीत गए हों एवं अंतिम 6 माह पूर्व होना चाहिए !
- मध्य प्रदेश में स्थानीय संस्थाओं में महिलाओं को 50% आरक्षण है !
- 74 वां संविधान संशोधन के क्रियान्वयन हेतु मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1994 पारित किया गया !
- मध्यप्रदेश 74 वां संविधान संशोधन का अनुपालन करने बाला देश का पहला राज्य है !
- राजेंद्र धारेकर समिति का संबंध नगरीय निकायों से है !
- 74 वें संविधान संशोधन के तहत मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय नगरीय निकायों की व्यवस्था की गई जो निम्न हैं –
नगर निगम (16)
- शहरी ग्रामीण संबंध समिति ने सिफारिश की थी कि इस क्षेत्र में नगर निगम स्थापित किए जाएं ! जहां जनसंख्या 5 लाख व आय एक करोड रूपए वार्षिक हो !
- सामान्यतः एक लाख से अधिक जनसंख्या बाले नगरों में नगर निगम स्थापित किया जाता है !
- इसकी सदस्य संख्या न्यूनतम 40 व अधिकतम 70 हो सकती है !
- नगर निगम परिषद में उस क्षेत्र के लोकसभा राज्यसभा व विधानसभा के पदेन सदस्य होते हैं छह विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल द्वारा नियुक्त होते हैं !
- महापौर नगर निगम का राजनीतिक प्रमुख होता होता है , इसे उस शहर का प्रथम नागरिक भी कहा जाता है !
- मेयर इन कौसिल नगर निगम की मुख्य समिति है ! इस समिति का महापौर पदेन अध्यक्ष होता है ! व इसकी सदस्य संख्या महापौर समेत 11 होती है !
- इसकी सहायता के लिये 10 विभागीय समितियां होती है जिनके अध्यक्ष मेयर इन कौंसिल के सभी सदस्य होते हैं ! व इन सभी समितियों की सदस्य संख्या अध्यक्ष सहित 7 होती है !
- महापौर एवं पार्षद का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से होता है ! पहले महापौर को अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता था व कार्यकाल5 बर्ष होता है ! 1997 में संशोधन कर महापौर का कार्यकाल 5 वर्ष व चुनाव प्रत्यक्ष विधि से किया जाता है !
- स्पीकर अप्रत्यक्ष रूप से पार्षदों द्वारा चुना जाता है ! इससे पहले स्पीकर को उपमहापौर कहा जाता है !
- नगर निगम का मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगर निगम का आयुक्त होता है ! जिसे राज्य सरकार नियुक्त करती है , तथा इसका वेतन नहर निगम कोष से दिया जाता है ! इसका भी कार्यकाल 5 वर्ष का होता है !
- राज्य का पहला नगर निगम :- (जबलपुर 1864 )
- वर्तमान में नगर निगम की संख्या मध्यप्रदेश में 16 है ! जो निम्न हैं – 1. इंदौर , भोपाल , 3.जबलपुर , 4.ग्वालियर , 5.सागर , 6.रीवा , 7.उज्जैन , 8.खंडवा , 9. बुरहानपुर , 10.रतलाम , 11.देवास , 12.सिंगरौली , 13.कटनी 14.सतना , 15. छिंदवाड़ा , 16.मुरैना
नगर पालिका (98)
- सामान्यतः बीस हजार से एक लाख जनसंख्या बाले नगरों में नगर पालिका स्थापित की जाती है !
- इसकी सदस्य संख्या न्यूनतम 15 व अधिकतम 40 हो सकती है !
- नगर पालिका का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CMO) होता है जो राज्य सेवा द्वारा चुना जाता है व जिसकी नियुक्ति राज्य सरकार करती है ! एवं राजनीतिक प्रमुख नगर पालिका अध्यक्ष होता है
- वर्तमान में मध्यप्रदेश में 98 नगरपालिका है !
- नगर पालिका परिषद में उस क्षेत्र के लोकसभा राज्यसभा व विधानसभा के पदेन सदस्य होते हैं 4 विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल द्वारा नियुक्त होते हैं !
- नगर पालिका अध्यक्ष व पार्षद का चुनाव प्रत्यक्ष विधि से व उपाध्यक्ष अप्रत्यक्ष विधि से पार्षदों द्वारा चुना जाता है !
- नगर पालिका की समिति को प्रेसीडेंट इन कौंसिल कहा जाता है , जिसका अध्यक्ष नगर पालिका प्रमुख होता है व इसकी सदस्य संख्या अधयक्ष सहित 8 होती है !
- सात अन्य समितियां होती है जिसके अध्यक्ष प्रेसीडेंट इन कौंसिल के सभी सदस्य होते हैं , इनमें प्रत्येक समिति की सदस्य संख्या अध्यक्ष सहित 5 होती है !
नगर पंचायत (264)
- नगर पंचायत संक्रमणशील क्षेत्रों में गठित की जाती है !
- सामान्यतः पांच हजार से बीस हजार जनसंख्या बाले नगरों में नगर पंचायत स्थापित की जाती है !
- इसकी सदस्य संख्या न्यूनतम 15 व अधिकतम 40 हो सकती है !
- नगर पंचायत परिषद में उस क्षेत्र के लोकसभा राज्यसभा व विधानसभा के पदेन सदस्य होते हैं 2 विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल द्वारा नियुक्त होते हैं !
- नगर पंचायत अध्यक्ष व पार्षद का चुनाव प्रत्यक्ष विधि से व उपाध्यक्ष अप्रत्यक्ष विधि से पार्षदों द्वारा चुना जाता है !
- नगर पंचायत का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CMO) होता है जो राज्य सेवा द्वारा चुना जाता है व जिसकी नियुक्ति राज्य सरकार करती है ! एवं राजनीतिक प्रमुख नगर पंचायत अध्यक्ष होता है
- वर्तमान में मध्यप्रदेश में 264 नगर पंचायत हैं !
- नगर पंचायत की समिति को भी प्रेसीडेंट इन कौंसिल कहा जाता है , इसमें अध्यक्ष सहित 6 सदस्य होते हैं !
- इसकी 5 उपसमितियां होती हैं , जिसके अध्यक्ष प्रेसीडेंट इन कौंसिल के सभि सदस्य होते हैं ! इसमें प्रत्येक समिति के तीन तीन सदस्य होते हैं !
तो दोस्तो आप सभी के लिये आगामी पटवारी परीक्षा के लिये नितिन गुप्ता की तरफ से All The Best ! रोज हम आपको पटवारी परीक्षा के लिये नई पोस्ट उपलब्ध कराऐंगे तो Regular आप हमारी बेबसाइट बिजिट करते रहिये
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Nice post sir