MPPSC Only GK

भारतीय राजव्यवस्था – भारतीय संविधान का निर्माण व स्‍त्रोत !! Indian Polity – Constitution and Sources of Constitution

Constitution and Sources of Constitution
Written by Nitin Gupta

नमस्कार दोस्तो , Welcome to Our Website 🙂 

दोस्तो आज की हमारी पोस्ट भारतीय राजव्यवस्था ( Indian Polity ) से संबंधित है ! इस पोस्ट में हम आपको Indian Polity के एक Topic भारतीय संविधान का निर्माण व स्‍त्रोत ( Constitution and Sources of Constitution ) के बारे में बताऐंगे ! Indian Polity से संबंधित अन्य टापिक के बारे में भी पोस्ट आयेंगी , व अन्य बिषयों से संबंधित पोस्ट भी आयेंगी , तो आपसे निवेदन है कि हमारी बेवसाईट को Regularly Visit करते रहिये !

All The Best For Next Exams 🙂 

सभी बिषयवार Free PDF यहां से Download करें 

संविधान का निर्माण

संविधान क्‍या है?

ऐसा लेखा पत्र या दस्‍तावेज जो सरकार की रूपरेखा व प्रमुख कृत्‍यों को निर्धा‍रण करता है, इसे देश की सर्वोत्‍तम एवं आधारभूत विधि कहा जा सकता है। यह वही दस्‍तावेज है, जो राज्‍य के समस्‍त अंगों (विधायिका, कार्यपालिका एवं न्‍यायपालिका) को शक्तियाँ प्रदान करता है। इन तीनों को संविधान की मर्यादाओं में रहकर अपने कर्तव्‍यों का निर्वहन करना होता है। इसे आसानी से बदला नहीं जा सकता है।

Download Our App
  • अंग्रेजी भाषा के कांस्‍टीट्यूशन शब्‍द की उत्‍पत्ति लैटिन शब्‍द कन्‍स्‍टीट्यूट से हुई जिसका अर्थ शासन करने वाला सिद्धान्‍त है।
  • जिस देश का शासन जिन नियमों एवं सिद्धान्‍तों के अनुसार चलता है उन सिद्धान्‍तों या नियमों के समूह को संविधान कहा जाता है।
  • संविधान उन कानूनों या नियमों के समूह को कहते हैं, जो प्रत्‍यक्ष व अप्रत्‍यक्ष रूप से राज्‍य की सर्वोच्‍च सत्‍ता की शक्ति के वितरण और प्रयोग को निश्चित करता है।
  • आधुनिक युग में संसार में सर्वप्रथम लिखित संविधान संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका का है, जो 1787 में फिलाडेल्फिया सम्‍मेलन के बाद बनाया गया था।
  • यूरोप में सबसे पहला संविधान नीदरलैंड में बना जो वर्तमान में विद्यमान है।

संविधान की परिभाषा

  • संविधान एक मौलिक दस्‍तावेज एवं देश की सर्वोच्‍च विधि माना जाता है।
  • यह विभिन्‍न अंगों की शक्तियों का निर्धारण एवं सृजन करता है।
  • यह राज्‍य के अंगों के अधिकार को मर्यादित कर उन्‍हें निरंकुश एवं तानाशाह होने से रोकता है।
  • वस्‍तुत: संविधान देश की जनता की आशाओं एवं आकांक्षाओं का पुंज होता है।

संविधान के उद्देश्‍य

  • सरकार के अंगों का सृजन करना जैसे – विधान-पालिका, कार्यपालिका, न्‍यायपालिका आदि।
  • सरकार के अंगों की शक्तियों जैसे – कर्तव्‍यों, दायित्‍वों आदि को निर्धारित करना।
  • सरकार के सभी अंगों के बीच संबंधों को स्‍पष्‍ट करना।

संविधान का प्रयोग

  • संविधान का निर्माण सर्वप्रथम एंथ्रेंस (यूनान) से हुआ था। आधुनिक युग में यू.एस.ए. का संविधान बना जो लिखित रूप में था।
  • इंग्‍लैड को संसदीय सरकार का उद्गम स्‍थान कहा जाता है एवं संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका को अध्‍यक्षात्‍मक सरकार का जन्‍मदाता मानते हैं, तथा स्विट्जलैंड को गणतंत्रीय लोकतंत्र की जननी कहा जाता है।
  • नागरिकों के मौलिक-अधिकारों एवं मौलिक कर्तव्‍यों, नीति-निदेशक तत्‍वों आदि का उल्‍लेख करना।

संविधान निर्माण का क्रमिक मांग

  • सैद्धान्तिक रूप से संविधान सभा का विचार ब्रिटिश विचारक सर हेनरी मैन ने प्रस्‍तुत किया था तथा व्‍यवहारिक रूप में सबसे पहले संविधान निर्माण के लिए अमेरिका में सभा का गठन किया गया था।
  • संविधान सभा के सिद्धान्‍त के दर्शन सर्वप्रथम 1895 के स्‍वराज्‍य विधेयक में होते हैं, जिसे लोकमान्‍य बालगंगाधर तिलक के निर्देशन में तैयार किया गया था।
  • संविधान सभा का सुझाव सर्वप्रथम गांधी जी के द्वारा 1922 में ‘हरिजन नामक’ पत्र में स्‍पष्‍ट कहा गया कि ‘भारत का संविधान भारतीयों को स्‍वयं बनाने का अधिकार होना चाहिए’।
  • भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा हुआ, जून 1934 में सर्वप्रथम संविधान सभा के लिए औपचारिक रूप से एक निश्चित माँग पेश की गयी थी।
  • 1936 में लखनऊ में हुए अखिल भारतीय कांग्रेस अधिवेशन में भारत के लिए प्रजातांत्रिक-संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा की माँग प्रस्‍तुत की गयी।
  • अगस्‍त प्रस्‍ताव 1940 में पहली बार संविधान सभा की माँग को ब्रिटिश सरकार ने अधिकारिक रूप से स्‍वीकार कर लिया।
  • क्रिप्‍स प्रस्‍ताव 1942 में स्‍पष्‍ट रूप से संविधान सभा की रूपरेखा की बात कही गयी है।
  • 1946 में ब्रिटिश मंत्रिमंडलीय शिष्‍टमंडल ने अपनी योजना के अंतर्गत वर्तमान संविधान सभा की संरचना बनायी थी।

कैबिनेट मिशन योजना

  • ब्रिटिश संसदीय प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट का अध्‍ययन करने के पश्‍चात् 1946 में एक त्रिस्‍तरीय प्रतिनिधिमण्‍डल भारत आया, जिसे कैबिनेट मिशन के नाम से जानते हैं।
  • कैबिनेट मिशन के अध्‍यक्ष पैथिक लारेंस (भारत सचिव) व ब्रिटेन-व्‍यापार बोर्ड के अध्‍यक्ष स्‍टेफोर्ड क्रिप्‍स तथा नौ सेना अध्‍यक्ष ए.बी. अलेक्‍जेंडर सदस्‍य थे।
  • कैबिनेट मिशन का मूल उद्देश्‍य कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता कराने के लिए मध्‍यस्‍थता करवाना तथा वायसराय को भारत की संविधान सभा के गठन में सहायता करना था।
  • भारत में सं‍विधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना के प्रावधानों के अनुसार अप्रत्‍यक्ष रूप से राज्‍यों की विधानसभाओं द्वारा नवंबर 1946 में किया गया था। निर्वाचन केवल तीन संप्रदायों-मुस्लिम, सिख व सामान्‍य (मुस्लिम और सिख को छोड़कर), में विभक्‍त किया गया था।
  • चीफ कमीश्‍नरी प्रांतों को भी संविधान सभा में प्रतिनिधित्‍व दिया गया था।
  • कैबिनेट मिशन के अनुसार संविधान सभा के सदस्‍यों की संख्‍या 389 थी, जिनमें 292 प्रांतो से तथा 93 देशी रियासतों से चुने जाने थे, 4 कमिश्‍नरी क्षेत्रों से थे, प्रत्‍येक प्रांत और देशी रियासतों को अपनी जनसंख्‍या के अनुपात में आवंटित किए गए थे।
  • संविधान सभा में जनसंख्‍या के आधार पर प्रतिनिधि निर्धारित किए गए (10 लाख पर 1)।
  • संविधान सभा में महिलाओं की संख्‍या 9 तथा अनुसूचित जनजाति के सदस्‍यों की संख्‍या 33 थी।

ये भी पढें – भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों के बारे में संपूर्ण जानकारी

संविधान सभा के चरण

प्रथम चरण :- अवधि 6 दिसम्‍बर, 1946 से 14 अगस्‍त, 1947, कार्य – कैबिनेट मिशनके अंतर्गत संविधान सभा का कार्य।

द्वितीय चरण :- अवधि 15 अगस्‍त, 1947 से 26 नवम्‍बर, 1949, कार्य – संविधान सभा संप्रभुता संपन्‍न निकाय तदर्थ संसद के रूप में।

तृतीय चरण :- अवधि 27 नवम्‍बर, 1949 से 26 जनवरी, 1959, कार्य – संसद के रूप में।

संविधान निर्माण प्रक्रिया के विभिन्‍न चरण एवं तथ्‍य  

  • संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसम्‍बर, 1946 को हुई, सच्चिदानंद सिन्‍हा को सभा का अस्‍थायी अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गया तथा मुस्लिम लीग ने इसका बहिष्‍कार किया और अलग-पाकिस्‍तान की माँग पर बल दिया। इसलिए बैठक में केवल 211 सदस्‍यों ने हिस्‍सा लिया।
  • 11 दिसम्‍बर, 1946 को डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्‍थायी अध्‍यक्ष चुना गया।
  • श्री बी. एन. राव को संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार पद पर नियुक्‍त किया गया।
  • 13 दिसम्‍बर, 1946 को जवाहर लाल नेहरू ने संविधान सभा में उद्देश्‍य प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत कर संविधान निर्माण का कार्य करना प्रारंभ किया, यह प्रस्‍ताव संविधान सभा ने 22 जून, 1947 को पारित दिया।
  • संविधान निर्माण के लिए विभिन्‍न समितियां: जैसे – प्रक्रिया समिति, वार्ता समिति, संचालन समिति, कार्य समिति, संविधान समिति, झंडा समिति आदि का निर्माण किया गया।
  • विभिन्‍न समितियों में प्रमुख प्रारूप समिति थी, जोकि 19 अगस्‍त, 1947 को गठित की गयी थी, इसका अध्‍यक्ष डॉ. बी. आर अम्‍बेडकर को बनाया गया।
  • संविधान सभा की बैठक‍ तृतीय वाचन (अंतिम वाचन) के लिए 14 नवंबर, 1949 को हुई, यह बैठक 26 नवंबर, 1949 को समाप्‍त हुई।
  • भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन में किया गया था।
  • संपूर्ण संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था, 26 जनवरी, 1950 को भारत को गणतंत्र घोषित किया गया। संविधान सभा को ही आगामी संसद के चुनाव तक भारतीय संसद के रूप में मान्‍यता प्रदान की गई।
  • संविधान निर्माण के पीछे मुख्‍य रूप से जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्‍लभ भाई पटेल, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, आचार्य जे.बी. कृपलानी, टी.टी. कृष्‍णामाचारी एवं डॉ.बी.आर. अम्‍बेडकर का मस्तिष्‍क था, कुछ प्रमुख व्‍यक्तियों ने डॉ.बी.आर.अम्‍बेडकर को संविधान का पिता कहा है।
  • भारतीय संविधान विश्‍व का सबसे लंबा एवं लिखित संविधान है। 

संबिधान सभा की प्रमुख समितिया उनकी सदस्य संख्या व अध्यक्ष

समितियां – सदस्‍य संख्‍या – अध्‍यक्ष

  1. प्रारूप समिति – 07 – डॉ. बी. आर. अम्‍बेडकर
  2. कार्य संचालन समिति – 03 – के एम मुन्‍शी
  3. संघ शक्ति समिति – 09 – पं. जवाहरलाल नेहरू
  4. मूल अधिकार एवं अल्‍पसंख्‍यक समिति – 54 – सरदार वल्‍लभ भाई पटेल
  5. संघ संविधान समिति – 07 – पं. जवाहरलाल नेहरू
  6. प्रक्रिया समिति – 07 – डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद
  7. वार्ता समिति – 07 – डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद
  8. झंडा समिति – 07 – जे.बी.कृपलानी
  9. प्रांतीय संविधान समि‍ति – 07 – सरदार पटेल
  10. अल्‍पसंख्‍याक उप-समिति – 07 – एच. सी. मुखर्जी

संविधान सभा की विभिन्‍न समितियाँ

  • संविधान बनाने के लिए संविधान सभा ने सबसे पहले 13 समितियों का गठन किया। इन समितियों ने अगस्‍त 1947 तक अपनी-अपनी रिर्पोट्स भेजी और उसके पश्‍चात उन रिर्पोट्स पर संविधान सभा ने विचार किया तत्‍पश्‍चात डॉ.बी.एन.राव ने संविधान सभा द्वारा किए गए निर्णय के आधार पर संविधान का पहला प्रारूप तैयार किया। इसे तैयार करने में सर बी.एन.राव ने लगभग तीन महीने लगाए। संविधान के प्रथम प्रारूप में 243 अनुच्‍छेद तथा 13 अनुसूचियां थी।
  • एन.माधव राव, बी.एल. मित्र के स्‍थान पर बाद में नियुक्‍त हुए।
  • प्रारूप समिति के सदस्‍य श्री एन. गोपालस्‍वामी आयंगार, अलादि कृष्‍णास्‍वामी अय्यर, मोहम्‍मद सादुल्‍ला,. के. एम. मुंशी, बी.एल.मिल और डी.पी.खेतान थे।
  • डॉ. बी.आर. अम्‍बेडकर संविधान सभा के सदस्‍य के लिए बंगाल समिति से निर्वाचित हुए थे।
  • संविधान सभा की सदस्‍यता अस्‍वीकार करने वालों में महात्‍मा गांधी, जयप्रकाश नारायण तथा तेज बहादुर सप्रू प्रमुख हैं।

बी. आर. अम्‍बेडकर : प्रारूप समिति के अध्‍यक्ष

डॉ. बी. एन. राय द्वारा तैयार किए गए संविधान के प्रारूप पर विचार करने के लिए संविधान सभा ने डॉ. बी. आर. अम्‍बेडकर की अध्‍यक्षता में एक प्रारूप समिति का गठन किया जिसके निम्‍न स‍दस्‍य थे :

  1. श्री एन. गोपालस्‍वामी आयंगर
  2. अलादि कृष्‍णास्‍वामी अय्यर
  3. मोहम्‍मद सादुल्‍ला
  4. के. एम. मुन्‍शी
  5. बी. एल. मित्र
  6. डी. पी. खेतान

टिप्‍पणी : कुछ समय बाद बी. एल. मित्र  का स्‍थान एन. माधव राय द्वारा लिया गया और 1948 में डी. पी. खेतान की मृत्‍यु हो जाने पर उनका स्‍थान टी. टी. कृष्‍णमाचारी द्वारा लिया गया।

Download Our App

प्रारूप समिति के पहले बनने पर उसमें 243 अनुच्‍छेद तथा 13 अनुसूचियाँ थीं। दूसरे प्रारूप में परिवर्तन करके 315 अनुच्‍छेद और 8 अनुसूचियाँ थी तीसरे प्रारूप में 395 अनुच्‍छेद एवं 8 अनुसूचियाँ थी, जिसे तैयार करने में 32 वर्ष, 11 महीने 18 दिन का समय लगा, 26 नवम्‍बर, 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपनी मंजूरी दे दी।

संविधान सभा की प्रमुख महिलाएँ

  • कादम्‍बरी गांगुली : भारत की पहली महिला ग्रेजुएट- कलकत्‍ता विश्‍वविद्यालय या कांग्रेस अधिवेशन को संबोधित करने वाली पहली महिला।

संविधान सभा की सक्रिय महिला सदस्‍य

  • हंसा मेहता : संविधान सभा की सक्रिय महिला
  • दुर्गा बाई देशमुख : संविधान सभा की सक्रिय महिला
  • सरोजनी नायडू : सविधान सभा की सक्रिय महिला थीं।

भारतीय संविधान की प्र‍कृति और स्‍वरूप

  • भारत के मूल संविधान में 395 अनुच्‍छेद तथा 22 भाग एवं चार परिशिष्‍ट व 8 अनुसूचियाँ थी, जबकि वर्तमान समय में अनुच्‍छेदों की संख्‍या कुल 395 तथा कुल 25 भाग एवं पाँच परिशिष्‍ट तथा 12 अनुसूचियाँ हैं।
  • ”हमारा संविधान एकात्‍मक और संघात्‍मक दोनों हैं यानि दोनों का सम्मिश्रण है।” भारत का संविधान संघीय कम एवं एकात्‍मक अधिक है – डी.डी.बसु।
  • भारत का संविधान अर्द्ध संघीय है – के. सी. व्‍हीलर।

ये भी पढें – भारतीय राजव्यवस्था – भारत का संवैधानिक विकास !!

भारतीय संविधान के स्‍त्रोत

विदेशी स्‍त्रोत

  • संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका से मौलिक अधिकार, राज्‍य की कार्यपालिका के प्रमुख तथा सशस्‍त्र सेनाओं के सर्वोच्‍च कमांडर के रूप में राष्‍ट्रपति के होने का प्रावधान, न्‍यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्‍चता, न्‍यायपालिका की स्‍वतंत्रता, निर्वाचित राष्‍ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्‍ट्रपति, उच्‍चतम एवं उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्‍तीय आपात।
  • ब्रिटेन से संसदात्‍मक शासन-प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि-निर्माण प्रक्रिया, मंत्रियों के उत्‍तरदायित्‍व वाली संसदीय प्रणाली।
  • आयरलैंड से नीति निदेशक सिद्धांत, राष्‍ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्‍यवस्‍था, राष्‍ट्रपति द्वारा राज्‍य सभा में साहित्‍य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेवा इत्‍यादि के क्षेत्र में ख्‍याति प्राप्‍त व्‍यक्तियों का मनोनयन, आपातकालीन उपबंध।
  • आस्‍ट्रेलिया से प्रस्‍तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केन्‍द्र एवं राज्‍य के बीच संबंध तथा शक्तियो का विभाजन, संसदीय विशेषाधिकार।
  • जर्मनी से आपातकाल के प्रवर्तन के दौरान राष्‍ट्रपति को मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियाँ।
  • कनाडा से संघात्‍मक विशेषताएँ, अवशिष्‍ट शक्तियाँ केंद्र के पास होना, केंद्र द्वारा राज्‍य के राज्‍यपालों की नियुक्ति और उच्‍चतम न्‍यायालय का परामर्शी न्‍याय निर्णयन तथा राज्‍य सभा के सदस्‍यों का निर्वाचन।
  • दक्षिण अफ्रीका से संविधान संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान।
  • रूस से मौलिक कर्तव्‍यों का प्रावधान।
  • जापान से विधि द्वारा स्‍थापित प्रक्रिया।
  • स्विट्जरलैण्‍ड से संविधान की सभी सामाजिक नीतियों के संदर्भ में निदेशक तत्‍वों का उपबंध।
  • फ्रांस से गणतांत्रिक व्‍यवस्‍था, अध्‍यादेश, नियम, विनियम आदेश, संविधान, विशेषज्ञ के विचार न्‍यायिक निर्णय, सविधियाँ और प्रस्‍तावना में स्‍वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्श।
  • इटली से मूल कर्तव्‍यों की भाषाएँ भावना।

भारतीय स्‍त्रोत 

  • भारतीय संविधान के स्‍त्रोत में हम भारत के लोग तथा भारत शासन अधिनियम 1935 हैं। 395 अनुच्‍छेदों में से लगभग 250 अनुच्‍छेद इसी से लिए गए या उनमें थोड़ा परिवर्तन किया गया।
  • 1935 अधिनियम के प्रमुख प्रावधान संघ तथा राज्‍यों के बीच शक्तियों का विभाजन, राष्‍ट्रपति की आपात कालीन शक्तियाँ, अल्‍पसंख्‍यक वर्गो के हितों की रक्षा, उच्‍चतम न्‍यायालय का निम्‍न स्‍तर के न्‍यायालय पर नियंत्रण, केंद्रीय शासन का राज्‍य के शासन में हस्‍तक्षेप, व्‍यवस्‍थापिका के दो सदन।

देशी रियासतें

  • रियासतों को भारत में सम्मिलित करने के लिए सरदार वल्‍लभ भाई पटेल के नेतृत्‍व में रियासती मंत्रालय बनाया गया।
  • जूनप्राढ़ रियासत को जनमत संग्रह के आधार पर, हैदराबाद की रियासत को ‘पुलिस कार्रवाई’ के माध्‍यम से और जम्‍मू-कश्‍मीर रियासत को विलय-पत्र पर हस्‍ताक्षर के द्वारा भारत में मिलाया गया।
  • भारत और पाकिस्‍तान के दो राष्‍ट्रों में विभाजन हो जाने के कारण सिंध, ब्‍लूचिस्‍तान, उत्‍तर पश्चिमी सीमा, बंगाल, पंजाब तथा असम के सिलहट जिले के प्रतिनिधि संविधान सभा के सदस्‍य नहीं रह गए।
  • सर्वाधिक बड़ी सदस्‍यों वाली देशी रियासत मैसूर थी, जिसमें सदस्‍यों की संख्‍या कुल 7 थी।

भारतीय संविधान के एकात्‍मक एवं संघात्‍मक लक्षण

  • विश्‍व का सबसे लम्‍बा एवं लिखित संविधान तथा साधारण समय में इसका प्रारूप संघीय है परंतु आपातकाल में यह एकात्‍मक हो जाता है।
  • यह सभी नागरिकों को एक समान नागरिकता प्रदान करता है तथा पंथ निरपेक्षता की घोषणा करता है।
  • संविधान संप्रभु है तथा न्‍यायिक सर्वोच्‍चता में समन्‍वय है।
  • विशालता एवं लिपि बाध्‍यता एवं संपूर्ण प्रभुत्‍व संपन्‍न लोकतांत्रिक गणराज्‍य।
  • समाजवादी एवं पंथ निरपेक्ष राज्‍य एवं एकल नागरिकता का प्रावधान है।
  • मूल कर्तव्‍यों की लिपिबद्धता एवं वयस्‍क एवं सार्वजनिक मताधिकार।
  • लिखित संविधान।
  • संविधान की सर्वोच्‍चता।
  • स्‍वतंत्र न्‍यायपालिका।
  • मौलिक अधिकार, न्‍यायपालिका की स्‍वतंत्रता, नीति-निदेशक तत्‍व एवं संघीय शासन-प्रणाली।
  • संसदीय एवं अध्‍यक्षात्‍मक पद्धतियों का समन्‍वय एवं अल्‍पसंख्‍यक एवं पिछड़ी जाति के हितों की रक्षा।
  • सविधान की सर्वोच्‍चता एवं लोकप्रिय प्रभुसत्‍ता पर आधारित संविधान।

राजव्यवस्था से संबंधित GK Tricks – 

Join Here – नई PDF व अन्य Study Material पाने के लिये अब आप हमारे Telegram Channel को Join कर सकते हैं !

Click Here to Subscribe Our Youtube Channel

Other PDF Notes –

दोस्तो आप मुझे ( नितिन गुप्ता ) को Facebook पर Follow कर सकते है ! दोस्तो अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस Facebook पर Share अवश्य करें ! क्रपया कमेंट के माध्यम से बताऐं के ये पोस्ट आपको कैसी लगी आपके सुझावों का भी स्वागत रहेगा Thanks!

दोस्तो कोचिंग संस्थान के बिना अपने दम पर Self Studies करें और महत्वपूर्ण पुस्तको का अध्ययन करें , हम आपको Civil Services के लिये महत्वपूर्ण पुस्तकों की सुची उपलब्ध करा रहे है –

UPSC/IAS व अन्य State PSC की परीक्षाओं हेतु Toppers द्वारा सुझाई गई महत्वपूर्ण पुस्तकों की सूची

Top Motivational Books In Hindi – जो आपकी जिंदगी बदल देंगी

सभी GK Tricks यहां पढें

TAG – Sources of Indian Constitution Notes, Constitution of Indian Constitution, Constitution and Sources of Indian Constitution, Samvidhan ka Nirman, Samvidhan ke Srot in Hindi

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

About the author

Nitin Gupta

GK Trick by Nitin Gupta पर आपका स्वागत है !! अपने बारे में लिखना सबसे मुश्किल काम है ! में इस विश्व के जीवन मंच पर एक अदना सा और संवेदनशीलकिरदार हूँ जो अपनी भूमिका न्यायपूर्वक और मन लगाकर निभाने का प्रयत्न कर रहा हूं !! आप मुझे GKTrickbyNitinGupta का Founder कह सकते है !
मेरा उद्देश्य हिन्दी माध्यम में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने बाले प्रतिभागियों का सहयोग करना है !! आप सभी लोगों का स्नेह प्राप्त करना तथा अपने अर्जित अनुभवों तथा ज्ञान को वितरित करके आप लोगों की सेवा करना ही मेरी उत्कट अभिलाषा है !!

Leave a Comment

GK Tricks By Nitin Gupta Course