नमस्कार दोस्तो , कैसे हैं आप सब ? I Hope सभी की Study अच्छी चल रही होगी
दोस्तो आज की हमारी इस पोस्ट में हम आपको भारत का भूगोल ( Indian Geography ) से संबंधित Most Important Question and Answer बताने जा रहे हैं जो कि हर तरह के Competitive Exams के लिये बेहद महत्वपूर्ण है !
भारत का भूगोल ( Indian Geography ) से संबंधित Most Important Question and Answer पोस्ट का यह हमारा पहला पार्ट है इसके लगभग 5 पार्ट हम आपको उपलब्ध करायेंगे !
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Indian Geography Most Important Questions in Hindi
- भारत के बारे में सही कथन है – यह स्थलमंडल के कुल क्षेत्रफल का लगभग4 प्रतिशत भाग अधिकृत किए हुए हैं। 820 30′ पूर्वी देशांतर का उपयोग भारतीय मानक समय चक्र को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
- भारतवर्ष आकार (क्षेत्रफल) में विश्व का – सातवां सबसे बड़ा देश है।
- भारत का क्षेत्रफल संसार के क्षेत्रफल का 2 पॉइंट 4% है, परंतु इसकी जनसंख्या है – 17.5% (जनगणना, 2011 के अनुसार)
- भारतवर्ष में गांव की संख्या है – लगभग 6 लाख 40 हजार 9 सौ 30 (जनगणना, 2011 के अनुसार)
- भारत विस्तृत है – 804′ उत्तर से 3706′ उत्तरी अक्षांशों तथा 6807′ पूर्व से 97025′ पूर्वी देशांतरों के मध्य।
- भारत के लगभग बीचो बीच से होकर गुजरती है – कर्क रेखा
- कर्क रेखा किन राज्यों से होकर गुजरती है – गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम
- भारत में कर्क रेखा गुजरती है – 8 राज्यों से
- अगरतला, गांधीनगर, जबलपुर एवं उज्जैन में से कर्क रेखा से निकटतम दूरी पर स्थित नगर है – गांधीनगर
- दिल्ली, कोलकाता, जोधपुर तथा नागपुर शहरों में से कर्क रेखा के निकट है – कोलकाता
- भारत को दो लगभग बराबर भागों में विभाजित करने वाला अक्षांश है – 23030′ उत्तरी अक्षांश ( कर्क रेखा)
- झारखंड, मणिपुर, मिजोरम तथा त्रिपुरा राज्यों में से कर्क रेखा के उत्तर में स्थित भारतीय राज्य है – मणिपुर
- हैदराबाद, चेन्नई, भोपाल तथा दिल्ली शहरों में से जून माह में दिन की अवधि अधिकतम होगी – दिल्ली में
- गुजरात के सबसे पश्चिमी गांव और अरुणाचल प्रदेश के सबसे पूर्वी छोर पर स्थित वाला उनके समय में कितने घंटे का अंतराल होगा – 2 घंटे का
- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश राज्य में से भारतीय मानक समय की याम्योत्तर नहीं गुजरती है – महाराष्ट्र से
- भारतीय मानक समय की देशांतर रेखा (820 30′) गुजरती है – इलाहाबाद से
- भारत की प्रामाणिक मध्यान्ह रेखा कहलाती है – 820 30′ पूर्वी देशांतर
- भारतीय मानक समय (IST) एवं ग्रीनविच माध्य समय (GMT) मैं अंतर पाया जाता है – ±5.30 घंटे का
- यदि अरुणाचल प्रदेश में तिरप (Tirap) मैं सूर्योदय00 बजे प्रातः (IST) होता है, तो गुजरात में कांडला में सूर्योदय होगा – लगभग 7.00 बजे प्रातः
- भारत का सुदूर दक्षिणी बिंदु (Southernmost Point) है – इंदिरा पॉइंट पर
- भारत का दक्षिणतम बिंदु स्थित है – बड़ा निकोबार ( ग्रेट निकोबार) में
- भरत के राज्यों में सबसे पूर्वी और सबसे पश्चिमी राज्य को इंगित करता है – क्रमशः अरुणाचल प्रदेश और गुजरात
- भारत का सुदूर पश्चिम का बिंदु है – 680 7′ पूर्व ( गौर मोता) गुजरात में
- मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर तथा मिजोरम राज्यों में से वह राज्य देश की सीमा बांग्लादेश से नहीं मिलती है – मणिपुर
- बांग्लादेश की सीमा से लगे भारत के राज्य हैं – मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं मिजोरम
- सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल राज्य में से भूटान के साथ सीमा नहीं मिलती है – मेघालय की
- वह भारतीय राज्य जिसकी अधिकतम सीमा म्यांमार से स्पर्श करती है – अरुणाचल प्रदेश
- म्यांमार से घनिष्ठ की सीमा नहीं है – असम की
- पाकिस्तान से सीमा बनाने वाले भारतीय राज्य हैं – पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर, राजस्थान तथा गुजरात
- नेपाल के पड़ोसी भारतीय राज्य हैं – उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम
- भारत के साथ सबसे लंबी स्थलीय सीमा है – बांग्लादेश की
- असम, नागालैंड, मेघालय एवं मिजोरम राज्यों में से बांग्लादेश से अपनी सीमा नहीं बनाने वाला भारतीय राज्य है – नागालैंड
- भारत तथा पाकिस्तान के बीच सीमा निर्धारित की गई थी – रेडक्लिफ रेखा द्वारा
- डूरंड लाइन भारत की सीमा निर्धारित करती है – अफगानिस्तान से
- भारत तथा पाकिस्तान के मध्य सीमा रेखा एक उदाहरण है – परवर्ती सीमा का
- भारत और चीन की उत्तर-पूर्व सीमा का सीमांकन करने वाली रेखा है – मैक मोहन रेखा
- भारत-श्रीलंका से अलग होता है – पाक जलडमरूमध्य द्वारा
- नेपाल, भूटान एवं चीन की सीमा से मिलने वाला भारतीय राज्य है – सिक्किम
- तीन तरफ से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं ( बांग्लादेश) से घिरा भारतीय राज्य है – त्रिपुरा
- भारत से उपबंध पुराचुंबकीय परिणामों से संकेत मिलते हैं कि भूतकाल में भारतीय स्थल पिंड सरका है – उत्तर की ओर
- भारतीय उपमहाद्वीप मूलतः एक विशाल भूखंड का भाग था, जिसे कहते हैं – गोंडवाना लैंड
- भारत विभाजित है – 4 प्राकृतिक प्रदेशों में
- उत्तराखंड में पाताल तोड़ कुए पाए जाते हैं – तराई क्षेत्र में
- यदि हिमालय पर्वत श्रेणियां नहीं होती, तो भारत पर सर्वाधिक संभव भौगोलिक प्रभाव है – देश के अधिकांश भाग में साइबेरिया से आने वाली शीत लहरों का अनुभव होता, सिंधु–गंगा मैदान इतनी विस्तृत जलोढ़ मृदा से वंचित होता, मानसून का प्रतिरूप वर्तमान प्रति रूप से भिन्न होता।
- भारत के पश्चिम समुद्र तट का निर्माण हुआ है – भूमि के उत्थान एवं निर्गमन के कारण
- सही सुमेलन है – दक्कन ट्रैप – क्रिटेशियस-आदि नूतन, पश्चिमी घाट – उत्तर नूतन, अरावली – प्री-कैम्ब्रियन, नर्मदा-ताप्ती जलोढ़ निक्षेप –अत्यन्त नूतन
- केरल का कुट्टानाड या कुट्टानाडु प्रसिद्ध है – भारत के न्यूनतम ऊंचाई वाले क्षेत्र के रूप में, इसे केरल का ‘ धान का कटोर‘ कहा जाता है। FAO द्वारा इसे वैश्विक महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली (GIAHS) घोषित किया गया है।
- हिमालय की रचना समांतर वाले श्रेणियों से हुई है, जिस में से प्राचीनतम श्रेणी है – वृहत हिमालय श्रेणी
- उत्तर भारत के उप हिमालय क्षेत्र के सहारे फैले समतल मैदान को कहा जाता है – भावर
- हिमालय का पर्वत पदीय प्रदेश है – शिवालिक
- शिवालिक पहाड़ियां हिस्सा है – हिमालय का
- शिवालिक श्रेणी का निर्माण हुआ – सेनोजोइक (प्लायोसीन) युग में
- शिवालिक श्रेणियों की ऊंचाई है – 850-1200 मीटर के मध्य
- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, सिक्किम एवम हिमाचल प्रदेश में से हिमालय पर्वत श्रेणियां हिस्सा नहीं है – उत्तर प्रदेश का
- हिमालय के तरुण वलित पर्वत ( नवीन मोड़दार पर्व) के साक्ष्य कहां जा सकते हैं – गहरे खड्ड, U घुमाव वाले नदी मार्ग, समानांतर पर्वत श्रेणियां, भूस्खलन के लिए उत्तरदाई तीव्र ढाल प्रवणता
- लघु हिमालय स्थित है – शिवालिक और महान हिमालय के मध्य में
- पश्चिमी भाग में हिमालय की श्रेणियों का दक्षिण से उत्तर की ओर सही क्रम है – शिवालिक–लघु हिमालय –महान हिमालय
- सबसे नवीन पर्वत श्रेणी है – शिवालिक
- दक्षिण भारत में नवीनतम चट्टान प्रणाली है – गोंडवाना
- उच्चावच आकृतियों का दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ते हुए सही क्रम है – धौलाधर, जास्कर, लद्दाख और काराकोरम
- हिमालय में उत्तर दिशा की ओर के क्रम वाली पर्वत श्रेणी है – पीर पंजाल पर्वत श्रेणी, जास्कर पर्वत श्रेणी, लद्दाख पर्वत श्रेणी, काराकोरम पर्वत श्रेणी
- हिमालय में पूर्व से पश्चिम की ओर पर्वत शिखरों का सही क्रम है – कंचनजंगा, एवरेस्ट, अन्नपूर्णा, धौलागिरी
- पूर्वी हिमालय की तुलना में ट्री- लाइन का ऊंचाई मान पश्चिमी हिमालय में होता है – कम
- हिमालय की पहाड़ी श्रृंखला में ऊंचाई के साथ साथ इन कारणों से वनस्पति में परिवर्तन आता है – तापमान में गिरावट, वर्षा में बदलाव, मिट्टी का अनुपजाऊ होना।
- उत्पत्ति की दृष्टि से सबसे नवीनतम पर्वत श्रेणी है – पटकाई श्रेणीयां (हिमालय)
- नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर एवं मिजोरम राज्यों में से पटकाई पहाड़ियों से संलग्न नहीं है – त्रिपुरा
- पीर पंजाल श्रेणी पाई जाती है – जम्मू एवं कश्मीर में
- कश्मीर घाटी स्थित है – वृहत हिमालय और पीर पंजाल श्रेणियों के मध्य
- अक्साई चीन का भाग है – लद्दाख पठार
- पश्चिमी हिमालय संसाधन प्रदेश के प्रमुख संसाधन है – वन
- ग्रेट हिमालय की ऊंचाई है – 8850 मी. ए.एस.एल. (8848 मी.)
- हिमाचल पर्यायवाची है – मध्य हिमालय का
- भारत में सबसे प्राचीन पर्वत श्रंखला है – अरावली
- राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश राज्यों में से अरावली श्रेणियों स्थित है – राजस्थान में
- अरावली श्रेणियों की अनुमानित आयु है – 570 मिलियन वर्ष
- ‘रेजीड्युल पर्वत’ का उदाहरण है – अरावली
- दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी है – अन्नाईमुडी
- भारतीय प्रायद्वीप की सबसे ऊंची चोटी है – अन्नाईमुडी
- नर्मदा एवं ताप्ती नदियों के मध्य स्थित है – सतपुड़ा श्रेणी
- उत्तर से शुरू कर दक्षिण की ओर पहाड़ियों का सही अनुक्रम है – नल्लामलाई पहाड़ियां – जवादी पहाड़ियां – नीलगिरि पहाड़ियां – अन्नामलाई पहाड़ियां
- पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट मिलते हैं – नीलगिरी पहाड़ियों में
- कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु राज्य के मिलन स्थल पर स्थित है – नीलगिरि पहाड़ियां
- नीलगिरि पर्वत स्थित है – केरल, कर्नाटक एवं तमिलनाडु राज्य में
- भारतीय समुद्र शास्त्रियों ने अरब सागर के तल में, मुंबई से पश्चिम दक्षिण पश्चिम में लगभग 455 किलोमीटर दूर, एक नए 1505 मीटर ऊंचे पर्वत की खोज की है। इस पर्वत का नाम रखा गया है – रमन सागर पर्वत
- अरावली, सतपुड़ा, अजंता और सह्याद्री पर्वत श्रेणियों में से वह जो केवल एक ही राज्य में विस्तृत है – अजंता पर्वत श्रेणी ( महाराष्ट्र)
- महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं गोवा में पश्चिमी घाट कहलाते हैं – सहयाद्रि
- पहाड़ियों का दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ते हुए सही अनुक्रम है – सतमाला पहाड़ीयां, पीर पंजाल श्रेणी, नागा पहाड़ियां, कैमूर पहाड़ियां
- कार्डामम पहाड़ी या जिन राज्यों की सीमाओं पर स्थित है, वह है – केरल एवं तमिलनाडु
- शेवराए पहाड़िया अवस्थित है – तमिलनाडु में
- बालाघाट श्रेणी, हरिश्चंद्र श्रेणी, मांडव पहाड़ी तथा सतमाला पहाड़ियों में से महाराष्ट्र में स्थित नहीं है – मांडव पहाड़ियां
- महादेव पहाड़ियां भाग है – सतपुड़ा पर्वत श्रेणी का
- धूपगढ़ चोटी स्थित है – सतपुड़ा रेंज में
- रामगिरी की पहाड़ियां भाग है – पूर्वी घाट या महेंद्र पर्वत का
- माउंट एवरेस्ट स्थित है – नेपाल में
- सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है – माउंट एवरेस्ट
- प्रथम भारतीय नारी जो एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने में सफल हुई थी – बछेंद्री पाल
- माउंट एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने वाली पहली महिला थी – जुंको ताबेई
- दो बार माउंट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त करने वाली महिला पर्वतारोही है – संतोष यादव
- एवरेस्ट पर चढ़ने वाली दूसरी भारतीय महिला है – संतोष यादव
- भारत की सर्वोच्च पर्वत चोटी है – K2 गॉडविन ऑस्टिन
- हिमालय की ऊंची चोटी कंचनजंगा स्थित है – नेपाल एवं सिक्किम में
- नंदा देवी चोटी – गढ़वाल हिमालय का भाग है।
- नंदा देवी शिखर स्थित है – उत्तराखंड में
- गुरु शिखर पर्वत चोटी अवस्थित है – राजस्थान में
- अरावली का उच्चतम शिखर है – गुरु शिखर
- हिमालय की चोटियों का पूर्व से पश्चिम दिशा में सही क्रम है – नमचा बरवा, कंचनजंगा, माउंट एवरेस्ट, नंदा देवी
- गोसाई थान, कॉमेट, नंदा देवी एवं त्रिशूल पर्वत शिखरों में से भारत में स्थित पर्वत शिखर नहीं है – गोसाई थान
- कुल्लू घाटी जिम पर्वत श्रेणी के बीच अवस्थित है, वह है – धौलाधार तथा पीर पंजाल
- नेलांग घाटी स्थित है – उत्तराखंड राज्य में
- मरखा घाटी स्थित है – जम्मू और कश्मीर में
- जुकू घाटी स्थित है – नागालैंड में
- सांगला घाटी अवस्थित – हिमाचल प्रदेश में
- यूथांग घाटी अवस्थित है – सिक्किम में
- पालघाट स्थित है – नीलगिरी और अन्नामलाई पहाड़ियों के मध्य
- भोर घाट स्थित है – महाराष्ट्र में
- लिपुलेख दर्रा स्थित है – उत्तराखंड में
- लेह जाने का रास्ता है – जोजिला दर्रे से
- नाथूला दर्रा स्थित है – सिक्किम में
- वर्ष 2006 के लगभग मध्य में भारत और चीन के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए पुनः खोला गया – नाथूला दर्रा
- मांणा पहाड़ी दर्रा – उत्तराखंड राज्य में अवस्थित है।
- जोजिला पहाड़ी दर्रा – जम्मू एवं कश्मीर में अवस्थित है।
- बनिहाल दर्रा – जम्मू एवं कश्मीर में अवस्थित है।
- नाथूला दर्रा सिक्किम में अवस्थित है जबकि नीति दर्रा – उत्तराखंड में
- बुम ला दर्रा – अरुणाचल प्रदेश में
- जेलेप ला दर्रा – सिक्किम में
- मुलिंग ला दर्रा – उत्तराखंड में
- शिपकी ला दर्रा – हिमाचल प्रदेश में अवस्थित है।
- रोहतांग दर्रा स्थित है – हिमाचल प्रदेश में
- माना दर्रा स्थित है – उत्तराखंड में
- पर्वती दलों का पश्चिम से पूर्व का सही क्रम है – शिपकी ला, लिपू लेख, नाथूला, बोमडि ला
- हिमालय में हिम रेखा है – 4300 से 6000 मीटर के बीच पूर्व में
- सबसे बड़ा हिमनद है – सियाचिन
- चोरा वाली ग्लेशियर स्थित है – केदारनाथ मंदिर के उत्तर में
- हिमालय के हिमनद के पिघलने की गति – सबसे अधिक है।
- उत्तराखंड के कुमाऊं प्रक्षेत्र में अवस्थित हिमनद है – मिलाम हिमनद
- भारत के दक्कन के पठार पर बेसाल्ट निर्मित लावा शैलों का निर्माण हुआ है – क्रिटेशियस युग में
- मेघालय का पठार भाग है – प्रायद्वीपीय खंड का
- भारत के अतिरिक्त प्रायद्वीपीय पर्वत निर्मित हुए – पैलियोजोइक महाकल्प में
- छोटा नागपुर पठार का सर्वाधिक घना बसा जिला धनबाद है – खनन उद्योग का विकास तथा औद्योगिकीकरण के कारण
- छोटा नागपुर पठार है – एक अग्र गंभीर
- मालवा का पठार, छोटा नागपुर का पठार, दक्कन का पठार तथा प्रायद्वीप का पठार में से अरावली एवं विंध्य श्रृंखलाओं के मध्य स्थित पठार है – मालवा का पठार
- दंडकारण्य क्षेत्र अवस्थित है – छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा में
- दंडकारण्य भारत में स्थित है – मध्यवर्ती क्षेत्र में
- भारत का औसत समुद्र तल मापा जाता है – चेन्नई तट से
- भारत के प्रादेशिक जल क्षेत्र का विस्तार है – तट से 12 समुद्री मील तक
- भारत की तट रेखा की कुल लंबाई है – लगभग 7500 किलोमीटर
- भारत में सबसे अधिक लंबा समुद्री तट है – गुजरात राज्य का
- भारत में तटरेखा से लगे राज्य हैं – 9
- प्राचीन भारतीय इतिहास भूगोल में ‘ रत्नाकर’ नाम सूचक था – हिंद महासागर का
- भारतवर्ष के पश्चिम पट्टी शहरों कन्नूर, नागरकोइल, जंजीरा एवं सिंधुदुर्ग का उत्तर से दक्षिण सही क्रम है – जंजीरा, कन्नूर, नागरकोइल, सिंधुदुर्ग
- तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तट का नाम है – कोरोमंडल
- भारत के तत्वों में कृष्णा डेल्टा एवं क्रेप कॉमोरिन के मध्य स्थित है – कोरोमंडल तट
- ‘केप कॉमोरिन’ के नाम से भी जाना जाता है – कन्याकुमारी
- अंडमान और निकोबार दीप समूह के सर्वोच्च शिखर ‘पल्याण शिखर” (सैंडलपीक) स्थित है – उत्तरी अंडमान में
- अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह स्थित है – बंगाल की खाड़ी में
- अंडमान निकोबार दीप समूह में द्वीपों की संख्या है – 200
- 10 डिग्री चैनल पृथक करता है – अंडमान और निकोबार द्वीप से
- बैरन द्वीप अवस्थित है – बंगाल की खाड़ी में
- भारत के पश्चिमी तटीय मैदान के उत्तरी भाग को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है, वह है – कोंकण
- भारत का वह देश जिसका उद्गम ज्वालामुखीय है – बैरन द्वीप का
- श्रीहरिकोटा द्वीप अवस्थित है – पुलिकट झील के समीप
- रामसेतु (Adam’s Bridge) शुरू होता है – धनुष्कोडी से
- लक्षद्वीप स्थित है – अरब सागर में
- भारत का प्रवाल द्वीप है – लक्षद्वीप
- लक्षद्वीप टापू अवस्थित है – दक्षिण पश्चिम भारत में
- दीपों का समूह लक्षद्वीप है – प्रवाल उत्पत्ति का
- लक्षद्वीप में है – 36 द्वीप
- भटकल, अर्नाला, मिनीकॉय एवं हेनरी द्वीपों में से भारतीय तटरेखा के सुदूरवर्ती द्वीप की श्रेणी में आता है – मिनिकॉय द्वीप
- भारत एवं श्रीलंका के मध्य स्थित द्वीप है – रामेश्वरम
- एक दीप पर निर्मित भारत का बड़ा नगर है – मुंबई
- भारत का सर्वाधिक आबादी वाला द्वीप है – सालसेत
- कोरी क्रीक (निवेशिका) अवस्थित है – कच्छ के रण में
- सर क्रीक विवाद है – भारत–पाकिस्तान देशों के मध्य
- लातूर जिला है – महाराष्ट्र में
- विदर्भ प्रादेशिक नाम है भारत में, और यह अंग है – महाराष्ट्र का
- पाट अंचल (Pat Region) अवस्थित है – झारखंड में
- झुमरी तलैया (रेडियो पर गीतों की फरमाइश के लिए प्रसिद्ध) स्थित है – झारखंड में
- ‘ भारत का कोहिनूर’ कहा जाता है – आंध्र प्रदेश को
- मणिपुर का अधिकांश धरातल है – पर्वतीय
- मणिपुर में कुछ लोग लटकी हुई गाद (Silt) से बंधे अपतृण (Weeds) और सड़ती वनस्पति के तैरते हुए द्वीपों (Floating Island) पर बने हुए मकानों में रहते हैं, इन द्वीपों को कहते हैं – फूमडि
- भारत में सिलिकॉन स्टेट के नाम से जाना जाता है – कर्नाटक को
- भारत में सिलिकॉन वैली स्थित है – बेंगलुरु में
- दिल्ली के अतिरिक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम्मिलित है – हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के भाग (उपक्षेत्र)
- मध्य प्रदेश की सीमा लगी है – पांच राज्यों से गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र
- क्षेत्रफल के क्रम में भारत के 4 बड़े राज्य हैं – राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश
- भारत के समस्त राज्यों के क्षेत्रफल अनुसार उत्तर प्रदेश का स्थान है – चौथा
- भारत के राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ एवं झारखंड का उनके क्षेत्रफल के अवरोही क्रम में सही क्रम है – छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड
- कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र उनके भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार घटता क्रम है – राजस्थान, महाराज, कर्नाटक, तमिलनाडु
- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं उत्तराखंड राज्य में क्षेत्रफल में सबसे छोटा है – उत्तराखंड
- भारत का लगभग 30% क्षेत्र 3 राज्यों में समाहित है। यह तीन राज्य हैं – राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र
- भारत में जनसंख्या के अनुसार, तीसरा एवं क्षेत्रफल में 12 राज्य है – बिहार
- उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती राज्य हैं – हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार एवं उत्तराखंड तथा केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली
- असम गिरा हुआ है – 7 राज्यों से
- महाराष्ट्र, बिहार, उड़ीसा एवं आंध्र प्रदेश में से छत्तीसगढ़ की सीमा उभयनिष्ठ नहीं है – बिहार के साथ
- दिल्ली, जोधपुर, नागपुर एवं बेंगलुरु में से मध्य समुद्र तल से उचाई अधिकतम है – बेंगलुरु की
- राजस्थान के मरू क्षेत्र के लिए सही कथन है – यह विश्व का सबसे घना बसा मरुस्थल है, यह लगभग 10000 वर्ष पुराना है। इसका कारण अत्यधिक मानवीय हस्तक्षेप रहा है। यहां केवल 40 से 60% क्षेत्र ही कृषि हेतु उपयुक्त है, शुद्ध बोए गए क्षेत्र में वृद्धि के कारण चारागाह क्षेत्र के विस्तार पर प्रभाव पड़ा है।
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Sir Majid Hussain geography hindi m PDF mil skta h kya