नमस्कार दोस्तो , कैसे हैं आप सब ? I Hope सभी की Study अच्छी चल रही होगी
दोस्तो जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पर्यावरण आजकल प्रत्येक Competitive Exams में बहुर ज्यादा पुंछा जाने लगा है , तो इसी को ध्यान में रखते हुये आज से हम अपनी बेबसाइट पर पर्यावरण अध्ययन ( Environmental studies ) के One Liner Question and Answer के पार्ट उपलब्ध कराऐंगे , जो आपको सभी तरह के Exam जैसे CTET , MP Samvida Teacher , MPPSC आदि व अन्य सभी Exams जिनमें कि पर्यावरण अध्ययन ( Environmental studies ) आता है उसमें काम आयेगी !
आज की हमारी पोस्ट पर्यावरण अध्ययन ( Environmental studies ) का 10th व अंतिम पार्ट है जिसमें कि हम Topic – जल संरक्षण व विविध ( Water Conservation & Miscellaneous ) से संबंधित Most Important Question and Answer को बताऐंगे ! जल्द ही हम इन दसों पार्ट की एक PDF अपनी बेबसाइट पर उप्लब्ध कराऐंगे जिसे आप Download कर पाऐंगे ! तो चलिये दोस्तो शुरु करते हैं
सभी बिषयवार Free PDF यहां से Download करें
Enviornment Most Important Question and Answer
- झारखंड राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण गठित हुआ – वर्ष 2009 में
- जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम लागू हुआ – वर्ष 1974 में
- विश्व जल संरक्षण दिवस मनाया जाता है – 22 मार्च को
- जैविक संसाधन नहीं है – शुद्ध जल
- भारत सरकार द्वारा ‘केंद्रीय गंगा प्राधिकरण’ का गठन किया गया – वर्ष 1985 में
- सितंबर, 1995 में इसका नाम बदलकर ‘राष्ट्रीय नदी संरक्षण प्राधिकरण’ (NRCA) कर दिया गया – केंद्रीय गंगा प्राधिकरण का
- नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी की स्थापना की गई – फरवरी, 2009 में
- केंद्रीय बजट, 2014 में समन्वित गंगा संरक्षण अभियान को कहा गया है – नमामि गंगे
- राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NGBRA) का गठन किया गया है – फरवरी, 2009 में
- NGBRA का लक्ष्य है कि गंगा को उसमें प्रवाहित होने वाले औद्योगिक उपशिष्ट व अशोधित सीवेज जल से मुक्ति दिला दी जाए – वर्ष 2020 तक
- वर्ष 2009 में भारत ने स्वच्छ गंगा के लिए स्थापित किया – राष्ट्रीयगंगा नदी तलहटी प्राधिकरण
- जिस पर्यावरणविद् को ‘जल पुरुष’ के नाम से जाना जाता है – राजेंद्र सिंह
- ‘तरुण भारत संघ’ नामक गैर सरकारी संगठन के चेयरमैन हैं – राजेन्द्र सिंह
- पीने के पानी को शुद्ध करने के लिए प्रयोग में जिसे लाया जाताहै – क्लोरीन को
- मरुस्थल क्षेत्रों में जल ह्रास को रोकने के लिए पर्ण श्रपांतरण होता है – कठोर एवं मोमी पर्ण, लघु पर्ण अथवा पर्णहीनता, पर्ण की जगह कांटों में
- रेगिस्तान में पाए जाने वाले पौधों की पत्तियां जल-हानि को रोकने के लिए प्राय: बदल जाती हैं – कांटों में
- गंगा नदी डॉल्फिन की समष्टि में ह्रास के लिए शिकार-चोरी के अलावा और क्या संभव कारण हैं? – नदियों पर बांधों और बराज़ों का निर्माण, संयोग से मछली पकड़ने के जालों में फंस जाना, नदियों के आस-पास के फसल-खेतों में संश्लिष्ट उर्वरकों और अन्य कृषि रसायनों का इस्तेमाल
- IUCN ने इन्हें रेड लिस्ट सूची में संकटग्रस्त (Endangered) वर्ग में रखा है – मैंगेटिक डॉल्फिन
- कई डॉफिन संयोग से मछली पकड़ने वाले जाल में फंस जाती हैं। इसे कहते हैं – बाई कैच (By Catch)
- गंगा नदी डॉल्फिन संरक्षण कार्यक्रम आरंभ किया गया था – वर्ष 1997 में
- भारत का राष्ट्रीय जल जीव (National Aquatic Animal) घोषित किया गया है – डॉल्फिन को
- यदि राष्ट्रीय जल मिशनसही ढंग से और पूर्णत: लागू किया जाए, जो देश पर उसका प्रभाव पड़ेगा – शहरी क्षेत्रों की जल आवश्यकताओं की आंशिक आपूर्ति अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण से हो सकेगी, ऐसे समुद्रतटीय शहर, जिनके पास जल के अपर्याप्त वैकल्पित स्रोत हैं, की जल आवश्यकताओं की आपूर्ति ऐसी समुचित प्रौद्योगिकी व्यवहार में लाकर की जा सकेगी, जो समुद्री जल को प्रयोग लायक बना सकेगी।
- 30 जून, 2008 को जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य-योजना (National Action Plan on Climate Change : NAPCC) आरंभ की गई थी। इसी कार्ययोजना का एक भाग है – राष्ट्रीय जल मिशन
- वाटर (प्रिवेन्शन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) सेस एक्ट लागू किया गया – 1977 में
- चेन्नई, कानपुर, कोलकाता तथा मुबंई में से पेयजल में संखिया प्रदूषण सर्वाधिक है – कोलकाता में
- जल शुद्धीकरण प्रणालियों में पराबैंगनी (अल्ट्रा-वायलेट, UN) विकिरण की भूमिका है – यह जल में उपस्थित नुकसानदेह सूक्ष्मजीवों को निष्क्रिय/नष्ट कर देती है।
- पराबैंगनी विकिरण एक प्रकार का है – विद्युत चुंबकीय विकिरण
- जल को जीवाणु मुक्त करने हेतु प्रयुक्त होता है/होते हैं – ओजोन, क्लोरीन डायऑक्साइड, क्लोरैमीन
- यमुना एक्शन प्लान औपचारिक रूप से प्रारंभ किया गया था – 1993 में
- ‘यमुना कार्य योजना‘ (Yamuna Action Plan) तथा ‘गोमती कार्य योजना‘ (Gomati Action Plan) को अप्रैल, 1993 मे ंअनुमोदित किया गया – गंगा कार्य योजना – द्वितीय चरण के तहत
- श्री श्री रविशंकर की संस्था ‘आर्ट ऑफ लिविंग‘ द्वारा ‘वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल‘ आयोजित किया गया था – 11-13 मार्च, 2016 के बीच
- वर्तमान में ‘मैली से निर्मल‘ यमुना पुनरुद्धार योजना, 2017 चलाई जा रही है। यह स्वच्छता में महत्वपूर्णभूमिका निभाएगी – यमुना की
- ‘राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण‘ (National Ganga River Basin Authority-NGRBA) की प्रमुख विशेषताएं हैं – नदी बेसिन, योजना एवं प्रबंधन की इकाई है, यह राष्ट्रीय स्तर पर नदी संरक्षण प्रयासों की अगुवाई करता है।
- इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं। उन राज्यों के मुख्यमंत्री जिनसे गंगा होकर बहती है, इस प्राधिकरण के सदस्य होते हैं, वह प्राधिकरण है – राष्ट्रीयगंगा नदी बेसिन प्राधिकरण
- प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना (NLCP) के अंतर्गत जिन शहरी क्षेत्रों में पड़ने वाले जलमग्न भूमि को चुनागया है, वे हैं – भोज-मध्यप्रदेश, सुखना-चंडीगढ़, पिचोला-राजस्थान
- NLCP के अंतर्गत ओडिशा की झील शामिल है – बिंदुसागर
- राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है – भीमताल को
- फरवरी, 2013 में ‘राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना‘ और ‘राष्ट्रीय नम भूमि संरक्षण कार्यक्रम‘ को समन्वित कर आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा स्वीकृत प्रदान की गई – राष्ट्रीय जलीय पारिस्थितिक-तंत्र संरक्षण योजना
- ‘विश्व पर्यावरण दिवस, 2018‘ का मुख्य विषय (थीम)था – प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करो (Beat Plastic Pollution)
- भारत सरकार के विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय (DMI) द्वारा जारी एक गुणवत्ता प्रमाणन चिह्न है – AGMARK
- जिसे ‘दक्षिण गंगोत्री‘ के नाम से जाना जाता है – भारत का प्रथम अंटार्कटिक शोध केंद्र
- इसकी स्थापना वर्ष 1983-84 में की गई – दक्षिण गंगोत्री
- भारत ने अपने दूसरे अनुसंधान केंद्र ‘मैत्री‘ की स्थापना की – वर्ष 1988-89
- अंटार्कटिका में भारत के तृतीय शोध केंद्र का नाम है – भारती
- भारती की स्थापना की गई – वर्ष 2012 में
- यह 21वीं सदी में विश्व पर्यावरण संरक्षण हेतु एक कार्ययोजना है – एजेंडा 21
- सतत् विकास के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र की गैर-बद्ध स्वैच्छिक कार्य योजना है – एजेंडा 21
- यह कार्य योजना वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में सम्पन्न ‘पर्यावरण एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन‘ (UNCED) के दौरान सृजित की गई थी – एजेंडा 21
- ‘एजेंडा-21′ जिस क्षेत्र से संबंधित है – सतत् विकास
- उत्तर प्रदेश में प्रथम बायो-टेक पार्क स्थापित किया गया है – लखनऊ में
- पोषण का राष्ट्रीय संस्थान (National Institute of Nutrition) स्थित है – हैदराबाद में
- भारत का वन्य जीव संस्थान (Wildlife Institute of India) स्थित है – देहरादून में
- आयुर्वेद का राष्ट्रीय संस्थान (National Institute of Ayurveda) स्थित है – जयपुर में
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी स्थित है – पुणे में
- जलपुर में ‘जंतर-मंतर‘ को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा घोषित होने के साथ भारत में अगस्त, 2010 तक कितने स्थलों को यह दर्जा प्राप्त हो चुका है – 28
- यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में सम्मिलित की गई इमारत है – महाबोधि मंदिर
- सुनामी की उत्पत्ति जिसके द्वारा होती है, वह है – समुद्र के भीतर उत्पन्न होने वाले भूकंप से
- प्रत्येक वर्ष दिए जाने वाले इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार का आधार होता है – पर्यावरण के क्षेत्र में सार्थक योगदान
- भारत में ‘रैली फॉर वैली‘ प्रोग्राम का आयोजन निम्न में से जिस एक समस्या को उजागर करने के लिए किया गया था, वह है – विस्थापितोंके पुनर्वास की समस्या
- विश्व परिवेश दिवस मनाया जाता है – 5 अक्टूबर को
- विश्व तंबाकू निरोध दिवस प्रति वर्ष मनाया जाता है – 31 मई को
- 19 नवंबर जिस दिवस के रूप में मनाया जाता है – विश्व शौचालय दिवस
- भारत के प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ भारत अभियान‘ आधिकारिक रूप से प्रारंभ किया – गांधी जयंती पर
- डायनासोन जीवाश्म राष्ट्रीय पार्क की स्थापना जिस जिले में की जा रही है, वह है – धार
- केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरीऋ अवस्थित है – जोधपुर में
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट अवस्थित है – नई दिल्ली में
- एगमार्क एक्ट भारत में लागू किया गया – वर्ष 1937 में
- विज्ञान का वह क्षेत्र जिस एक में बोरलॉग पुरस्कार दिया जाता है – कृषि
- भारत का राष्ट्रीय जलीय प्राणी है – गंगा की डॉल्फिन
- मौसम विज्ञान संबंध प्रेषण के लिए, जिसको गुब्बारों को भरने में उपयोग में लाया जाता है – हीलियम
- मानवीय जनसंख्या के श्रेष्ठतर जीवनयापन के लिए जो कदम सर्वाधिक महत्वपूर्ण है – वनारोपण
- अगर किसी क्षेत्र का लैंडसेट (LANDSAT) आंकड़ा आज मिलता है, तो उसके पश्चित में स्थित क्षेत्र का आंकड़ा कब उपलब्ध होगा – उसी समय (स्थानीय समय के अनुसार) कुछ दिनों बाद
- हरिकेन ने सन् 2012 में यू.एस.ए. के उत्तर-पूर्व एवं पूर्वी तटीय प्रांतों को दुष्प्रभावित किया – सैंण्डी
- धूल प्रदूषण रोकने के लिए उपयुक्त वृक्ष है – सीता अशोक
- एजेंडा-21 में समझौते हैं – 4
- यह नए शस्त्रों के प्रादुर्भाव को रोकने के लिए रासायनिक उद्योग का अनुवीक्षण करता है, यह राज्यों (पार्टियों) को रासायनिक आयुध के खतरे के विरुद्धसहायता एवं संरक्षण प्रदान करता है। – रासायनिक आयुध निषेध संगठन (Organization for the prohibition of Chemical Weapons – OPCW)
- इस समय 192 सदस्य देश हैं, जो विश्व को रासायनिक हथियारों से मुक्त करने हेतु प्रतिबद्ध है – OPCW में
- विश्व की 98 प्रतिशत जनसंख्या, भू-भाग व रासायनिक कारखानों का प्रतिनिधित्व करते हैं – OPCW के सदस्य देश
- ‘हरित भारत मिशन‘ (Green India Mission) के उद्देश्य को सर्वोत्तम रूप में वर्णित करता है – वन आच्छादन की पुनर्प्राप्ति और संबर्धन करना तथा अनुकूलन (अडैप्टेशन) एवं न्यूनीकरण (मिटिगेशन) के संयुक्त उपायों से जलवायु परिवर्तन कर प्रत्युत्तर देना
- प्रतिष्ठित ‘टायलर पुरस्कार‘ जिस क्षेत्र में प्रदान किया जाता है – पर्यावरण सुरक्षा
- राजीव गांधी पर्यावरण पुरस्कार दिया जाता है, श्रेष्ठतर योगदान के लिए – स्वच्छ प्रौद्योगिकी एवं विकास
- ‘ग्लोबल 5000‘ पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं – पर्यावरण प्रतिरक्षा के लिए
- प्राकृतिक आपदा ह्रासीकरण का अंतरराष्ट्रीय दशक माना जाता है – वर्ष 1990-1999 को
- प्रत्येक मास के अंतिम शनिवार को राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस मनाता है – सिएरा लियोन
- जिसे मेगा-डाइवर्स देश के रूप में जाना जाता है – ऑस्ट्रेलिया
- जिसे ‘डाइनोसोरस का कब्रिस्तान‘ कहा जाता है – मोन्टाना
- ‘इको मार्क‘ योजना 1991 में उपभोक्ताओं को ऐसे उत्पादों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु आरंभ की गई जिनका पर्यावरणीय प्रभाव कम हानिकर हो। उपभोक्ता उत्पादों में से इस योजना के अंतर्गत अधिसूचित हैं – साबुन एवं अपमार्जक, कागज एवं प्लास्टिक, सौंदर्य प्रसाधन एवं ऐरोसॉल
- भारत में, पूर्व-संवेष्टित (प्रीपैकेज्ड) वस्तुओं के संदर्भ में साद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग और लेबलिंग) विनियम, 2011 के अनुसार, किसी निर्माता को मुख्य लेबल पर जो सूचना अंकित करना अनिवार्य है, वह है – संघटकों की सूची, जिसमें संयोजी शामिल हैं, पोषण-विषयक सूचना शाकाहारी/मांसाहारी
- जो भारतीय वैज्ञानिक, ‘यूनेप‘ (UNEP) द्वारा ”फादर ऑफ इकोनॉमिक इकोलॉजी” अभिम्यत है – एम.एस.स्वामीनाथन
- यह क्रिया-आधारित अनुसंधान, शिक्षा एवं लोक जागरूकता के माध्यम से प्रकृति को बचाने का प्रयास करता है, यह आम जनता के लिए प्रकृति खोज-योत्राओं एवं शिविरों का आयोजन एवं संचालन करता है – बंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS)
- सदाबहार फल वृक्ष है – लोकाट
- मौसम अनुश्रवण युक्ति सोडार स्थापित है – कैगा तथा कलपक्कम में
- देश में ‘विंटर लाइन‘ की प्राकृतिक परिघटना जिस नगर में दृश्यमान होती है, वह है – मसूरी
- प्रायद्वीपीय भारत निम्न हिम युगों में से जिस युग में हिमानीकृत हुआ, वह है – प्लीस्टोसीन हिम युग
- यदि आप ग्रामीण क्षेत्र से होकर गुजरते हैं, तो आपको यह देखने को मिल सकता है कि अनेक प्रकार के पक्षी, चरने वाले पशुओं/भैंसों के पीछे-पीछे चलते हैं और उनके घास में चलने से अशांत होने वाले कीटों को पकड़ते हैं। ऐसा पक्षी है – साधारण मैना
- यह हिमालय के दक्षिण में उष्ण कटिबंधीय एशिया में पाया जाने वाला पक्षी है। इसका मुख्य आहार आर्द्रभूमि के छिछले जलीय स्थलों में पाई जाने वाली छोटी मछलियां हैं – चित्रित बलाक (Painted Stork)
- यह जिब्बत के पठार, भूटान तथा भारत के अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख आदि में पाया जाता है। यह सर्वभक्षी है जो पौधों की जड़, कंदमूल, आलू, कीड़े-कमोड़े, मछलियां, मेंढक, अनाज सभी कुछ खाता है। किंतु मुख्य रूप से कटाई के पश्चात खेतों में अन्न के अवशेषों को अपने आहार के रूप में प्रयोग करता है – काली गर्दन वाला सारस (Black-Necked Crane)
- शीतोष्ण कटिबंधी वन, उष्णकटिबंधी वन, शीतोष्ण कटिबंधी घास प्रदेश तथा उष्ण कटिबंधी सवाना में से जिसकी औसत शुद्ध प्राथमिक उत्पादकता सबसे कम है – शीतोष्ण कटिबंधी घास प्रदेश
- भारत का राष्ट्रीय सामुद्रिक पार्क स्थित है – कच्छ की खाड़ी में
- ‘भितरकणिका‘ जिसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में सम्मिलित किया गया है, अवस्थित है – ओडिशा में
Click Here to Subscribe Our Youtube Channel
पर्यावरण से संबंधित अन्य पार्ट यहां पढें
- पर्यावरण अध्ययन ( Environmental studies ) Part – 1
- पर्यावरण अध्ययन ( Environmental studies ) Part – 2
- पर्यावरण अध्ययन ( Environmental Studies ) Part – 3
- पर्यावरण अध्ययन ( Environmental Studies ) Part – 4
- पर्यावरण अध्ययन ( Environmental Studies ) Part – 5
- पर्यावरण अध्ययन ( Environmental Studies ) Part – 6
- पर्यावरण अध्ययन ( Environmental Studies ) Part – 7
- पर्यावरण अध्ययन ( Environmental Studies ) Part – 8
- पर्यावरण अध्ययन ( Environmental Studies ) Part – 9
दोस्तो आप मुझे ( नितिन गुप्ता ) को Facebook पर Follow कर सकते है ! दोस्तो अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस Facebook पर Share अवश्य करें ! क्रपया कमेंट के माध्यम से बताऐं के ये पोस्ट आपको कैसी लगी आपके सुझावों का भी स्वागत रहेगा Thanks !
दोस्तो कोचिंग संस्थान के बिना अपने दम पर Self Studies करें और महत्वपूर्ण पुस्तको का अध्ययन करें , हम आपको Civil Services के लिये महत्वपूर्ण पुस्तकों की सुची उपलब्ध करा रहे है –
UPSC/IAS व अन्य State PSC की परीक्षाओं हेतु Toppers द्वारा सुझाई गई महत्वपूर्ण पुस्तकों की सूची
Top Motivational Books In Hindi – जो आपकी जिंदगी बदल देंगी
TAG – Environmental Science , Environmental Studies , Environmental Studies for CTET , EVS Notes for CTET in Hindi PDF , CTET Environmental Studies PDF in Hindi , CTET EVS Question in Hindi , EVS Study Material for TET , CTET Environmental Studies Notes in Hindi PDF , CTET Environment Notes in Hindi , Environment GK For Samvida Shikshak 2018 , EVS For Vyapam Samvida Teacher 2018 , Ecology and Ecosystem Notes in Hindi , Ecology and Environment PDF in Hindi , Environment Most Important Questions and Answers for UPTET , EVS Study Material for UPTET in Hindi , Environment Most Important Questions and Answers for UPTET and Savida Grade – 3 , Environment Forests and Wildlife Notes , Environment Sanctuary and Biosphere Reserves Most Important Question and Answer , Alternative Energy , Environment Most Important Questions For Samvida Varg 3 , Pollution , Environment Most Important Questions and Answers for Samvida Varg 3 , EVS For CTET and UPTET
VERY NICE SIR YOU’RE GREAT WRITER SIR