नमस्कार दोस्तो , कैसे हैं आप ? I Hope आप सभी की पढाई अच्छी चल रही होगी 🙂
दोस्तो आज की हमारी पोस्ट बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र से संबंधित उन प्रश्नों के बारे में है जिनको पिछ्ले Teaching के Exam जैसे CTET , UPTET , MP Samvida Teacher , HTET , REET आदि में कहीं न कहीं पूंछा गया है ! और आंगे आने बाले सभी तरह के Exams , जिनमें कि Child Development and Pedagogy से संबंधित प्रश्न पूंछे जाने हैं उनमें द्वारा पूंछे जाने कि पूरी पूरी संभाबना है तो आप सभी इन प्रश्नों को अच्छे से याद कर लीजिये 🙂
Child Development and Pedagogy के पिछ्ले Year के Question से संबंधित यह हमारा 2nd पार्ट है व इसके अन्य पार्ट भी हम लगातार आपको अपनी बेबसाईट पर उपलब्ध कराते रहेंगे तो आप सभी से Request है कि आप हमारी बेबसाईट को विजिट करते रहिये ! 🙂
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Child Development and Pedagogy Notes
- छात्रों पर क्रोध का सदुपयोग किया जा सकता है – आलस्य को भगाने में, दृढ़ प्रतिज्ञा करने में, बाधाओं को पार करने में
- बाल विकास को कितने भागों में बॉंटा गया है – 4
- बाल्यावस्था में व्यक्तित्व होता है – बहिर्मुखी
- पूर्व बाल्यावस्था की विशेषता क्या है – जिज्ञासा, खिलौनों में रूचि, नवीन पद्धतियॉं
- किस अवस्था में काम प्रवृत्ति निम्न स्तर पर होती है – बाल्यावस्था
- किशोरावस्था को शैशवावस्था का पुनवर्तन किसने कहा है – जॉन्स ने
- कोह्लबर्ग के सिद्धांत की एक प्रमुख आलोचना क्या है – कोह्लबर्ग ने प्रस्ताव किया कि नैतिक तार्किकता विकासात्मक है।
- चार-पांच शब्दों के सरल वाक्य बोलने की लगभग अवस्था है – 3 वर्ष
- मानसिक विकास के दृष्टिकोण से जीवन का सबसे महत्वपूर्ण काल – शैशवकाल
- गर्भस्थ शिशु में सांस लेने की प्रक्रिया किस सप्ताह से शुरू होती है – 16 सप्ताह
- ज्ञानेन्द्रियों के विश्राम की अवस्था मानी गई है – जन्म के 2 माह
- विवेचना रहित विचार की अवस्था मानी गई है – 4-7 वर्ष
- बाल्यावस्था प्रति द्वन्द्वात्मक समाजीकरण है, कथन कहा है – किलपैट्रिक
- प्राय: बालक चलना किस वर्ष की अवस्था में सीख लेता है – 112 वर्ष
- एक बालक किसी को देखकर विचार करता है, कि मैंने इसे कहीं देखा है- वह कौन सी अवस्था है – अर्द्धचेतन
- बालक श्रेष्ठ आचरण से बुराइयों की ओर लौटाता है- बालक पर मन के किस भाग का प्रभाव है – इदम्
- ”बालक में सर्वप्रथम भय, क्रोध तथा प्रेम के संवेग विकसित होते है।” कथन है – वाटसन
- उत्तर बाल्यावस्था की विशेषता है – आत्मनिर्भर होना, मित्र मण्डली या समूह निर्माण, स्वतंत्र होना।
- शैक्षिकदृष्टि से बाल विकास की अवस्थाएँ हैं – किशोरावस्था, बाल्यावस्था, शैशवावस्था
- बाल विकास को सर्वाधिक प्रभावित करने वाला कारक है – खेलकूद का मैदान
- 6-10 वर्ष के आयु वर्ग के बालकों की विशेषता है – बालक स्वाभाविक एवं सक्रिय अधिगमकर्ता होते हैं।
- निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा वाइगोत्स्की के द्वारा प्रस्तावित विकास तथा अधिगम के बीच संबंध का सर्वश्रेष्ठ रूप में सार प्रस्तुत करता है – विकास-प्रक्रिया अधिगम-प्रक्रिया से पीछे रह जाती है।
- प्रथम बाल निर्देशन केन्द्र किसके द्वारा खोला गया – विलियम हिली
- किसकी क्रियाशीलता का संबंध मनुष्य की पाचन क्रिया से भी होता है – अभिवृक्क ग्रंथि
- शब्द INDENTICAL ELEMENTS (समान तत्व) निम्न से संबंध रखता है – अधिगम स्थानान्तरण
- बालक द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर शिक्षक तत्काल नहीं दे सकता है, शिक्षक की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए – शिक्षक द्वारा इस प्रश्न का सही उत्तर बाद में समझकर देना चाहिए।
- छोटा शिशु खिलौनों तथा अन्य वस्तुओं को फेंककर उसके भागों को अलग-अलग करके किस भाव को दर्शाता है – जिज्ञासा प्रवृत्ति
- ‘स्फूर्ति अवस्था’ कहा जाता है – बाल्यावस्था को
- प्रतिबिम्ब, अवधारणा, प्रतीक एवं संकेत, भाषा, शारीरिक क्रिया और मानसिक क्रिया अंतर्निहित है – विचारात्मक प्रक्रिया
- संरचनात्मक अधिगम सिद्धान्त जोर देता है – विद्यार्थियों के द्वारा नवीन ज्ञान की संरचना पर
- ”वातावरण वह बाहरी शक्ति है, जो हमें प्रभावित करती है” किसने कहा था – रॉस
- बुद्धि परीक्षण निर्माण के जन्मदाता है – अल्फ्रेड बिने
- ‘संवेदना ज्ञान की पहली सीढ़ी है।’ यह कथन – मानसिक विकास है।
- ब्रिजेज के अनुसार उत्तेजना भाग है – संवेगात्मक विकास का
- मानव विकास के सम्बन्ध में कौन-सा कथन गलत है – विकास रेखीय होता है।
- तर्क, जिज्ञासा तथा निरीक्षण शक्ति का विकास होता है ………… की आयु पर – 11 वर्ष
- शारीरिक विकास का क्षेत्र है – स्नायुमण्डल, माँसपेशियों की वृद्धि, एंडोक्राइन ग्लैण्ड्स
- इस अवस्था में बालकों में नयी खोज करने की और घूमने की प्रवृत्तिबहुत अधिक बढ़ जाती है – उत्तर बाल्यकाल
- निम्न में से कौन सा वंशानुक्रम का नियम नहीं है – अभिप्रेरणा
- ………….. की अवस्था तक बालक की दृष्टि एवं श्रवण इन्द्रियाँ पूर्ण विकसित हो चुकती है – 8 अथवा 9 वर्ष
- ’20वी शताब्दी को बालक की शताब्दी कहा जाता है।’ यह परिभाषा दी है – क्रो व क्रो
- गामक विकास से हमारा तात्पर्य माँसपेशियों के विकास से तथा पैरों के उचित उपयोग – शक्ति और गति
- इस अवस्था को मिथ्या-पक्वता का समय भी कहा जाता है – बाल्यावस्था
- मनुष्य जीवन का आरम्भ मूलत: घटित है – केवल एक कोष
- शैशवावस्था की विशेषता नहीं है – नैतिकता का होना
- एक अध्यापक की दृष्टि में कौन सा कथन सर्वोत्तम है – प्रत्येक बच्चा सीख सकता है।
- मैक्डूगल के अनुसार, मूल प्रवृत्ति जिज्ञासा का सम्बन्ध संवेग कौन सा है – आश्चर्य
- शैशवावस्था की मुख्य विशेषता क्या नहीं है – चिंतन प्रक्रिया
- किस मनोवैज्ञानिक के अनुसार, ”विकास एक सतत् और धीमी-धीमीप्रक्रिया है।” – हरलॉक
- लारेंस कोहलबर्ग विकास के क्षेत्रमें शोध के लिए जाने जाते हैं – नैतिक
- बालक के शारीरिक व क्रियात्मक विकास की दिशा होती है – सिर से पैर तथा शरीर के मध्य से बाहर की ओर
- बिग व हेट ……….. की विशेषताओं को सर्वोत्तम रूप से व्यक्त करने वाला एक शब्द है ‘परिवर्तन’। परिवर्तन शारीरिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक होता है – किशोरावस्था
- व्यक्तिगत शिक्षार्थी एक दूसरे से …….. में भिन्न होते हैं – विकास की दर
- मानव विकास कुछ विशेष सिद्धान्तों पर आधारित है, निम्नलिखित में से कौन सा मानव विकास का सिद्धान्त नहीं है – प्रतिवर्ती
- विकास कभी न समाप्त होने वाली प्रक्रिया है, यह विचार किससे सम्बन्धित है – निरंतरता का सिद्धान्त
- निचली कक्षाओं में शिक्षण की खेल पद्धति मूल रूप से आधारित है – विकास एवं वृद्धि के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों पर
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- निम्नलिखित में से कौन सा कथन विकास के बारे में सत्य नहीं है – विकास विशिष्ट से सामान्य की ओर होता है।
- बालक ाक विकास परिणाम है – वंशानुक्रम तथा वातावरण की अंत:प्रक्रिया का
- विद्यार्थियों में सामाजिक विकास विकसित करने हेतु, एक अध्यापक को चाहिए कि वह जाने – विद्यार्थियों के सभी पक्षों का
- शरीर के आकार में वृद्धि होती है, क्योंकि – शारीरिक और गत्यात्मक विकास
- मानसिकविकास को प्रभावित करने वाले कारक हैं – वंशानुक्रम, परिवार का वातावरण तथा परिवार की सामाजिक स्थिति
- सीखने की प्रोजेक्ट विधि किस अवस्था के लिए उपयोगी है – बाल्यावस्था, पूर्व वाल्यावस्था, किशोरावस्था
- शारीरिक विकास का क्षेत्र है– स्नायुमण्डल
- बाल्य अवस्था होती है – बारह वर्ष तक
- विकास में वृद्धि से तात्पर्य है – आकार, सोच, समझ, कौशलों में वृद्धि
- निम्निलिखित में से कौन सी किशोरावस्था की मुख्य समस्याएँ हैं – संवेगात्मक समस्याएँ, शारीरिक परिवर्तनों की समस्याएँ, समायोजन की समस्याएँ
- विकास का एक अधिनियम है, कि विकास प्रतिमान के विभिन्न काल में खुशी भिन्न भिन्न होती है। इस अधिनियम के अनुसार – जीवन का प्रथम वर्ष सबसे अधिक खुशी एवं वय संधि काल सबसे अधिक दु:खी काल होता है।
- बाल विकास का सही क्रम है – बाल्यावस्था-किशोरावस्था-प्रौढ़ावस्था
- विकास शुरू होता है – पूर्व-बाल्यावस्था से
- बाल्यावस्था में सामाजिक विकास के रूप में मुख्य है – बालक व बालिकाओं में एक साथ रहनेकी प्रवृत्ति
- वृद्धि एवं विकास में क्या सम्बन्ध है – एक-दूसरे के पूरक हैं।
- परिपक्वता का सम्बन्ध है – विकास
- निम्नलिखित में से वंशक्रम सम्बन्धी नियम है – समानता का नियम
- वृद्धि एवं विकास का मुख्य सिद्धान्त है – वैयक्तिक अन्तर का सिद्धान्त
- किशोरावस्था की अवधि है – 12 से 19 वर्ष
- विकास कैसा परिवर्तन है – गुणात्मक
- वृद्धि का सम्बन्ध किससे है – आकार व भार से
- निम्नलिखित में से कौन सा विकास का सिद्धान्त है – सभी की विकास दर समान नहीं होती है।
- मानव विकास को क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है, जो है – शारीरिक, संज्ञानात्मक, संवेगात्मक और सामाजिक
- कोह्लबर्ग के अनुसार शिक्षक बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास कर सकता है – नैतिक मुद्दों पर आधारित चर्चाओं में उन्हें शामिल करके।
- शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना महत्तवपूर्ण है, क्योंकि – बच्चों की विकास दर भिन्न होती है और वह भिन्न तरीकों से सीख सकते हैं।
- निम्नलिखित में से कौन सी समस्या समाधान की वैज्ञानिक पद्धति का पहला चरण है – समस्या के प्रति जागरूकता
- किस आयुकाल में मानसिक विकास अपनी उच्चतम सीमा पर पहुँच जाता है – 15-20 वर्ष
- किशोरावस्था में सामाजिकविकासपर जिसका प्रभाव नहीं पड़ता है, वह निम्न में से कौन-सी है – असुरक्षा
- किशोरों में संवेग के नियंत्रण का सबसे अच्छा उपाय निम्नलिखित में से कौन-सा है – प्रक्षेपण
- किशोर अवस्था में चरित्र निर्माण से जो अवस्था संबंधित है, वह निम्न में से है – आधारहीन आत्म चेतना अवस्था
- किशोर अवस्था की मुख्य विशेषता निम्न में से है – आत्म गौरव
- विकास व्यक्ति में नवीन विशेषताएँ और योग्यताएँ प्रस्फुटित करता है, यह कथन है – हरलॉक
- जिस प्रक्रिया से व्यक्ति मानव के लिए परस्पर निर्भर होकर व्यवहार करना सीखता है, वह प्रक्रिया है – समाजीकरण
- किशोरावस्था एक नया जन्म है, इसमें उच्चतर और श्रेष्ठतर मानव विशेषताओं का जन्म होता है, यह कथन देने वाले हैं – स्टेनली हॉल
- किशोरों की जटिल अवस्था के कारण किशोरों के अध्ययन का विषय होना चाहिए – शरीर तथा मन संबंधी
- ”किशोरावस्था आदर्शों की अवस्था है, सिद्धान्तों के निर्माण की अवस्था है, साथ ही जीवन का सामान्य समायोजन है”, यह परिभाषा देने वाले हैं – जीन पियाजे
- एक शिक्षक शिक्षार्थी के मानसिक विकास का ज्ञान प्राप्त करकेजिसकी योजना नहीं बना सकता, वह है – शारीरिक विकास
- मानसिक विकास का संबंध नहीं है – शिक्षार्थी का वजन एवं ऊँचाई
- किशोरों को नहीं दिया जाना चाहिए – लालच
- मनुष्य के शरी में हड्डियों की संख्या कम होती है – प्रौढ़ावस्था में
- किसको प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में संशोधन की प्रक्रिया माना गया है – अधिगम
- एक बालक सामाजिक रूप से पूर्णत: विकसित माना जायेगा यदि वह – विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों के साथ व्यवहार करना जानता है।
- किशोरावस्था की प्रमुख समस्या है – समायोजन की
- ‘संवेदना ज्ञान की पहली सीढ़ी है।’ यह – मानसिक विकास है।
- ‘किशोरावस्था बड़े संघर्ष, तनाव, तूफान और विरोध की अवस्था है’ यह कथन है – ई. ए. किलपैट्रिक का
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और भी पढें –
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 1 यहां पढें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 2 यहां पढें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 3 यहां पढें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 4 यहां पढें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 5 यहां पढें
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- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 7 यहां पढें
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