नमस्कार दोस्तो , कैसे हैं आप सब ? I Hope सभी की Study अच्छी चल रही होगी
दोस्तो आप में से कुछ साथियों ने मुझसे Child Development and Pedagogy के नोट्स की मांग की थी ! तो उसी को ध्यान में रखते हुये आज से हम अपनी बेबसाइट पर Child Development and Pedagogy के One Liner Question and Answer के पार्ट उपलब्ध कराऐंगे , जो आपको सभी तरह के Teaching के Exam जैसे CTET , UPTET , MP Samvida Teacher , HTET , REET आदि व अन्य सभी Exams जिनमें कि Child Development and Pedagogy आता है उसमें काम आयेगी !
आज की हमारी पोस्ट Child Development and Pedagogy का 3rd पार्ट है जिसमें कि हम अधिगम/सीखना ( Learning ) से संबंधित Most Important Question and Answer को बताऐंगे ! तो चलिये दोस्तो शुरु करते हैं !
सभी बिषयवार Free PDF यहां से Download करें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 1 यहां पढें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 2 यहां पढें
Child Development Notes for CTET
- विकास की प्रक्रिया सम्बन्धित है – अधिगम से एवं कौशल अधिगम से
- विकास की मन्द गति की स्थिति में अधिगम होता है – मन्द
- अधिगम के लिए आवश्यक है – बालक की मानसिक स्वस्थता एवं शारीरिक स्वस्थता
- कौशलात्मक अधिगम के लिए प्रमुख आवश्यकता होती है – शारीरिक विकास की
- अस्थि विकलांग बालकों के समक्ष अधिगम प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है – शारीरिक विकास के कारण
- व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाने तथा व्यक्तित्व गुणों के सीखने में आवश्यक होता है – शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक विकास
- स्वस्थ शरीर में निहित है – स्वस्थ मन
- गतिविधि आधारित अधिगम के लिए आवश्यक है – शारीरिक एवं मानसिक विकास
- विकलांग बालकों के समक्ष विद्यालय में समायोजन की समस्या का प्रमुख कारण होता है – शारीरिक विकास
- शारीरिक विकास को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि – यह मानसिक विकास में योगदान देता है। यह अधिगम में योगदान देता है। यह कौशलों के सीखने में योगदान देता है।
- मानसिक रूप से मन्द बालक का अधिगम स्तर कम होता है क्योंकि ये बालक – विषय-वस्तु पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इनका मानसिक विकास पूर्ण नहीं होता है।
- अवधान का सम्बन्ध होता है – मानसिक विकास से
- स्मृति विहीन बालक का अधिगम स्तर निम्न होता है, क्योंकि – उसका मानसिक विकास नहीं होता है।
- एक बालक अपनी शैक्षिक समस्याओं का समाधान करने में असमर्थ है तो माना जाएगा – मानसिक विकास का अभाव
- प्रभावी एवं उच्च अधिगम के लिए आवश्यक है – मानसिक विकास
- अधिगम से सम्बन्धित मानसिक शक्तियां हैं – स्मृति, अवधान, चिन्तन
- कक्षा में अधिगम प्रक्रिया हेतु बालकों का समूह विभाजन किस आधार पर किया जाता है – मानसिक विकास के आधार पर
- अधिगम प्रक्रिया में चिन्तन की प्रभावशीलता प्रदर्शित करती है – उच्च मानसिक विकास को
- अधिगम प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका होती है – मानसिक शक्तियों की
- किसी कार्य को सीखने में सफलता के लिए आवश्यक है – उचित शारीरिक विकास, उचित मानसिक विकास
- उच्च मानसिक विकास के लिए आवश्यक है – उत्तम स्वास्थ्य
- मानसिक विकास की मन्दता प्रभावित करती है – अधिगम को
- प्रतिभाशाली बालकों का अधिगम स्तर उच्च पाया जाता है क्योंकि उनका मानसिक विकास होता है – उच्च
- अरस्तू के अनुसार, शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य माना जाता है – मानसिक शक्तियों का विकास
- शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव पड़ता है – शिक्षण अधिगम दोनों पर
- वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग प्रमुख रूप से अधिगम में उन छात्रों के लिए किया जा सकता है, जो छात्र होता है – प्रतिभाशाली, उच्च मानसिक विकास वाले
- संवेगों का सम्बन्ध होता है – मूल प्रवृत्ति से
बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र व से संबंधित सभी Notes व PDF यहां से Download करें
- अधिगम की प्रक्रिया के प्रभावी रूप से विकसित होने के लिए आवश्यक है – संवेगात्मक स्थिरता
- भौतिक विकास एवं अधिगम के मूल में समावेश है – संवेगात्मक विकास
- सृजन की क्रिया किस संवेग से बाधित होती है – घृणासे
- व्यवहार के सीखने में योगदान होता है – संवेगों का
- शैशवावस्था में प्रमुख रूप से विकसित होता है – प्रेम, भय, क्रोध
- व्यवहार में मर्यादा का समावेश पाया जाता है – संवेगात्मक स्थिरता के कारण एवं संवेगात्मक अस्थिरता के कारण
- बालक शीघ्रता से निर्णय लेने की क्षमता सीखता है – किशोरावस्था में
- व्यक्तित्व निर्माण एवं विकास की प्रक्रिया में योगदान होता है – संवेगों का स्थायित्व
- एक किशोर भूख लगने पर खाना बनाने का प्रयास करता है तथा खाना बनाना सीख जाता है। उसका यह प्रयास माना जाएगा – संवेग द्वारा सीखना
- एक बालक को धन की आवश्यकता होने पर पिता से धन मांगता है। इसके लिए उपेक्षा मिलने पर वह धन कमाने के लिए विभिन्न कौशलों को सीखने लगता है। इस कार्य में किस संवेग का योगदान होता है – आत्म अभिमान का
- एक बालक मर्यादित व्यवकार को सीखता है। इसके मूल में उद्देश्य निहित होता है – चारित्रिक, नैतिक, सामाजिक विकास का
- मुनरो के अनुसार, चरित्र में समावेश होता है – स्थायित्व का एवं सामाजिक निर्णय लेने का
- चारित्रिक विकास के अन्तर्गतविकास सम्बन्धी क्रियाओं को बालक सीखता है – आत्म अनुशासन, मर्यादित व्यवहार, नैतिक व्यवहार
- चरित्र को माना जाता है – सामाजिक धरोहर
- चारित्रिक विकास सम्बन्धी क्रियाओं को बालक सीखता है – पूर्वजों से, परिवार से, शिक्षक एवं विद्यालय से
- एक बालक सत्य इसलिए बोलना सीखता है क्योंकि यह चरित्र का सर्वोत्तम गुण है उसकी यह सीखने की प्रक्रिया है – सकारात्मक
- एक बालक चोरी करना छोड़कर सत्य का आचरण सीखता है तो उसको सीखने की प्रक्रिया के मूल में समाहित होता है – चारित्रिक विकास की भावना
- अच्छे चरित्र की ओर संकेत करता है – नैतिकता, मानवता, कर्तव्यनिष्ठा
- ‘हम’ की भावना से सम्बन्धित क्रियाओं को बालक किस अवस्था में सीखता है – बाल्यावस्था में
- बालक विद्यालय में शिक्षक के गुणों को ग्रहण करता है क्योंकि वह शिक्षक को स्वीकार करता है – चरित्रवान व्यक्ति के रूप में
- नैतिक क्रियाओं को सीखने के समय बालक की आयु होती है – लगभग 4 वर्ष
- बालक अपनी क्रियाओं को परिणाम के आधार पर सीखने का प्रयास किस अवस्था में करता है – 5 से 6 वर्ष
- क्रो एण्ड क्रो के अनुसार, जन्म के समय बालक होता है – सामाजिक व असामाजिक
- बालक सामाजिक व्यवहार को तीव्र गति से सीखता है – सामाजिक विकास की अवस्था में
- सामूहिक व्यवहार को बालक प्रथम रूप में सीखता है – शैशवावस्था के अन्त में
- गिरोह बनाने की प्रवृत्ति बालक सीखता है – बाल्यावस्था में
- सामाजिक भावना से सम्बन्धित कार्यों को बालक सीखने लगता है – बाल्यावस्था में
- आत्म प्रेम अर्थात् स्वयं को आकर्षक बनाने की गतिविधियों को बालक सीखता है – किशोरावस्था में
- किशोरावस्था में बालकों द्वारा समायोजन की प्रक्रिया को सीखने में अस्थिरता का समावेश होने का कारण है – संवेगों की तीव्रता
- सामाजिक कार्यों में उत्साह एवं तीव्रता का प्रदर्शन एवं उन्हें सीखने की प्रक्रिया किस अवस्था में तीव्र गति से सम्भव होती है – किशोरावस्था
- सामाजिक विकास एवं कार्यों के सीखने में प्रभाव होता है – वंशानुक्रम का
- बालक को सामाजिक गुणों को सीखने में सहायता करता है – खेल व पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाएं
- सामाजिक कार्यों को सीखने के लिए आवश्यक है – उत्तम स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, संवेगात्मक स्थिरता
- क्रो एण्ड क्रो के अनुसार, कौन-से विकास साथ-साथ चलते हैं – सामाजिक विकास एवं संवेगात्मक विकास
- हरलॉक के अनुसार, बालक सर्वाधिक सामाजिक कार्यों को सीखता है – समूह में
- सामाजिक विकास को प्रभावित करता है – संवेगात्मक व मानसिक विकास तथा वंशानुक्रम
- तथ्यात्मक ज्ञान को सीखने में सर्वप्रथम आवश्यकता होती है – भाषायी विकास की
- भाषायी क्रियाओं को बालक सर्वप्रथम सीखता है – परिवार से
- भाषायी ज्ञान को परिष्कृत करने का साधन है – विद्यालय
- शैशवावस्था में भाषायी तथ्यों के सीखने में सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है – परिवार की संस्कृति एवं सभ्यता का
- सामान्य भाषायी अधिगम की स्थिति में बालक लगभग 200 से 225 तक शब्ध किस आयु वर्ग में सीखता है – 2 वर्ष में
- भाषायी तथ्यों को कौन अधिक तीव्र गति से सीखता है – बालक व बालिका
- निम्नलिखित में कौन सी संस्था भाषायी तथ्यों को सीखने में बालक की सहायता करती है – समुदाय एवं घर, विद्यालय एवं परिवार, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति
- स्मिथ के अनुसार, जन्म के बाद के प्रथम दो वर्षों में लम्बी अवधि तक रोगग्रस्त होने के कारण भाषायी विकास की क्रिया हो जाती है – मन्द एवं सामान्य
- भाषायी अधिगम को प्रभावित करने वाला कारक है – स्वास्थ्य एवं बुद्धि
- भाषायी अधिगम सर्वाधिक प्रभावित होता है – हकलाने से एवं तुतलाने से
- भाषायी अधिगम प्रभावित होता है – सामाजिक स्थिति से
- सृजनात्मक विकासमें निहित होती है – बाल कल्पना
- बालक द्वारा मिट्टी के घर एवं खिलौनों का निर्माण करना सूचक है – सृजनात्मक विकास का
- बालक में आयु की वृद्धि के साथ-साथ कल्पना का स्वरूप होता है – मन्द
- गणित में सृजनात्मकता के माध्यम से शिक्षण में बालकों को प्रदान किया जा सकता है – गणितीय आकृतियों का निर्माण
- एक बालक एक मूर्ति को देखकर उसे बनाने का प्रयास करने लगता है, उसके इस मूल में समाहित है – सृजनात्मकता
- बालक द्वारा राजा, चोर एवं सिपाही की भूमिका का निर्वहन करना एवं उनकी गतिविधियों को सीखना निर्भर करता है – सृजनात्मकता के विकास पर
- बालकों को कविताओं के माध्यम से शिक्षण करना प्रभावशाली माना जाता है क्योंकि कविताओं में निहित होती है – सौन्दर्य
- सौन्दर्यात्मक विकास एवं मूल्य अधिगम से सम्बन्धित है – प्रत्यक्ष रूप से एवं अप्रत्यक्ष रूप से
- संगीत एवं लोकगीत का अधिगम बालक शीघ्रता से करते हैं, क्योंकि इसमें निहित है – सौन्दर्य एवं भाव पक्ष
- प्राकृतिक संसाधनों का अधिगम में प्रयोग करने के लिए छात्रों में किस विकास की आवश्यकता होती है – सृजनात्मकता विकास की
- सीखने के नियमों के प्रतिपादक है – थार्नडाइक
- सीखने के नियम आधारित है – प्रयास और त्रुटि विधि पर
- प्रयास एवं त्रुटि द्वारा सीखना ही – उद्दीपक प्रतिक्रिया का सिद्धान्त है।
- ”व्यवहार के कारण व्यवहार में कोई भी परिवर्तन अधिगम है” ऐसा कहा गया है – गिलफोर्ड द्वारा
- पावलॉव था – एक रूसी मनोवैज्ञानिक
- अधिगम के विभिन्न विद्धान्त व्याख्या करते हैं – अधिगम के उत्पन्न एवं व्यक्त होने की प्रक्रिया की
- पावलॉव ने सम्बन्ध प्रत्यावर्तन सिद्धान्त का प्रयोग सर्वप्रथम किस पर किया – कुत्ते पर
- अन्तदृष्टि या सूझ का सिद्धान्त के जनक है – कोहलर
- अनुकरण सिद्धान्त के द्वारा बालक में क्या विकसित किया जा सकता है – सद्विचार, सद्व्यवहार का
- जिस सिद्धान्त के अनुसार, प्राणी किसी परिस्थिति को देख करके तथा अनुभव करके उसकी पूर्ण आकृति बनाते हैं, वह है – गेस्टाल्ट का सिद्धान्त
- बालक को सीखने के समय ही, जिस क्रिया को सीखना होता है, टेपरिकॉर्डर पर रिकॉर्ड करके उसका सम्बन्ध मस्तिष्क से कर दिया जाता है। यह कथन है – सुप्त अधिगम
- निम्न में से अधिगम की विधियां है – अवलोकन विधि, करके सीखना, सुप्त अधिगम व सामूहिक विधि
- शिक्षण और अधिगम – एक सिक्के के दो पहलू हैं, शिक्षण से अधिगम तथा अधिगम से शिक्षण की प्राप्ति होती है। दोनों गत्यात्मक प्रक्रियांएं हैं।
- सीखने के सूझ के सिद्धान्त की शैक्षिक उपयोगिता निम्न में से नहीं है – यह सिद्धान्त समय पर सीखने पर अधिक बल नहीं देता।
- सीखने का सूझ के सिद्धान्त में किस जानवर पर प्रयोग किया गया – चिम्पैंजी पर
- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक है – भूख एवं परिपक्वता, प्रशंसा एवं निन्दा, शिक्षण पद्धति एवं अभ्यास
- सीखने में रुकावट आने का कारण है – पुरानी आदतों का नई आदतों से संघर्ष, कार्य की जटिलता, शारीरिक सीमा
- लक्ष्य प्राप्ति में सूझ का महत्व माना है – ड्रेवर ने
- ”सीखने की प्रक्रिया की एक प्रमुख विशेषता पठार है।” यह कथन है – रॉस का
- सीखने में उन्नति पूर्ण सम्भव है – सिद्धान्त रूप में
- सीखने की आवश्यकता है – बालक का पूर्ण व्यक्तित्व
- सीखने की गति निर्भर करती है – सीखने वाले की रूचि पर, जिज्ञासा पर, सीखने वाले की प्रेरणा।
- सीखने की अन्तिम अवस्था में सीखने की गति होती है – धीमी
- सीखना प्रारम्भ होता है – जिज्ञासा
- सीखने की प्रक्रिया सम्पादित होती है – शिक्षकों से
- बन्दूरा के अनुसार, किन प्रतिरूपों का बालकों द्वारा अनुकरण किया जाता है – जो पुरस्कृत साधनों पर नियन्त्रण रखते हैं। जो उच्च स्तर रखते हैं।
- अधिगम की प्रक्रिया में किन प्रतिरूपों का अनुकरण नहीं किया जाता है – अयोग्य प्रतिरूपों का
- निम्नलिखित में कौन-सा तथ्य बन्दूरा के व्यक्तित्व के सिद्धान्त से सम्बन्धित है – सामाजिक पुरस्कार का सिद्धान्त, दण्ड का सिद्धान्त, प्रतिरूपों के तादात्मीकरण का सिद्धान्त।
- राम के पिता को परमवीर चक्र प्रदान किया गया क्योंकि उसके पिता सेना में कार्यरत हैं। उसके पिता को सभी समाज के सामने सम्मानित किया गया। इसके बाद बालकों में देश सेवा की क्रियाओं को भाग लेने की भावना का विकास हुआ। यह प्रक्रिया बन्दूराके किस सिद्धान्त पर आधारित है – सामाजिक पुरस्कार का सिद्धान्त
- एक बालक कक्षा से इसलिए नहीं भागता है कि शिक्षक द्वारा अन्य भागने वाले बच्चों को दण्डित किया जाता है। उसका यह अनुकरण किस सिद्धान्त पर आधारित है – दण्ड का सिद्धान्त
- बन्दूरा के प्रमुख रूप से व्यक्तित्व सिद्धान्तों की संख्या है – दो
- बन्दूरा ने अपने सिद्धान्त का प्रयोग किया – बालकों पर
- बन्दूरा के अधिगम सिद्धान्त का प्रमुख साधन था – फिल्म
- बन्दूरा के द्वारा प्रस्तुत अधिगम सिद्धान्त में फिल्म के भाग थे – तीन
- बन्दूरा ने प्रमुख रूप से अपनीप्रयोगसम्बन्धी क्रियाओं में किन तथ्यों को स्थान प्रदान किया – पुरस्कार एवं दण्ड
- बालकों द्वारा प्रतिरूप के किस व्यवहार का अनुकरण नहीं किया जाता है – दण्डित व्यवहार का
- बालक द्वारा सर्वाधिक प्रतिरूप के किस व्यवहार का अनुकरण किया जाता है – पुरस्कृत व्यवहार का
- तादात्मीकरण का आशय है – प्रतिरूप की क्रियाओं को आत्मसात करना
- छात्रों में अन्तर्निहित प्रतिभाओं का विकास सम्भव होता है – तादात्मीकरण द्वारा
- तादात्मीकरण की प्रक्रिया से सम्बन्धित तथ्य है – प्रतिरूप के व्यवहार से प्रभावित होना, प्रतिरूप का चयन करना, प्रतिरूप के अनेक व्यवहारों का अनुकरण करना।
- एक बालक द्वारा शिक्षक की शिक्षण कला को देखकर उसके व्यवहार का अनुकरण किया जाता है। बालक द्वारा बन्दूरा के किस सिद्धान्त का अनुकरण किया जाता है – तादात्मीकरण के सिद्धान्त का
- अधिगमकर्ता किसी प्रतिरूप का चयन किस आधार पर करता है – सहानुभूति एवं आत्मीय व्यवहार
- विद्धालय के नियमों का अनुकरण छात्रों द्वारा किया जाता है – दण्ड के आधार पर
- एक बालक अपने सहपाठी राम को दौड़ने में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए देखता है तो वह भी उसका अनुकरण करने लगता है। उसका यह अनुकरण माना जाएगा – ईर्ष्या के आधार पर
- एक बालक में खेल के प्रति रुचि अधिक है इसलिए वह अन्य शिक्षकों की तुलना में खेल शिक्षक को प्रतिरूप के रूप में स्वीकार करता है। उसका यह प्रतिरूप चयन आधारित होगा – आदतों की समानता
- मोहन अपने बड़े भाई को दूसरों की सहायता करते हुए देखता है, परिणामस्वरूप वह भी इस कार्य में लग जाता है। इस प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका होता है – प्रभावशीलता की
- सामाजिक अधिगम की प्रक्रिया में स्थायित्व की स्थिति उत्पन्न होती है जब – कोई घटना बार-बार होती है।
- सामाजिक रूप से उपयोगी तथा अधिगमकर्ता द्वारा उसकी स्वीकृत उपयोगिता किसी क्रिया में उत्पन्न करती है – स्थायी अधिगम
- सामान्य परिस्थितियों में 5 वर्ष के बालक द्वारा सात वर्ष के बालक की तुलना में कम सामाजिक अधिगम किया जाता है। इसका प्रमुख कारण है – आयु परिपक्वता
- सामाजिक अधिगम की तीव्रता एवं स्थायी गति होती है – शिक्षित समाज में
- जिस समाज में सामाजिक नियम एवं परम्परा प्रगतिशील एवं आत्मानुशासन से सम्बन्धित होंगे। – उत्तम एवं तीव्र
- रूढिवादी समाज में सामाजिक अधिगम की मन्दता का कारण होता है – अस्वस्थ परम्पराएं, अन्धविश्वास, अनुपयोगी परम्पराएं
- अन्य देशों की तुलना में भारतीय बालकों में सामाजिक अधिगम की गति तीव्र हेाती है क्योंकि भारतीय समाज सम्पन्न है – शिक्षा से
- किसी समाज में आन्तरिक कलह, संघर्ष एवं अशान्ति का वातावरण है। – मन्द
- लेह-लद्दाख की तुलना में दिल्ली में सहने वाले बालक का सामाजिक अधिगम अधिक होता है। इसका प्रमुख कारण है – जलवायु
- सामाजिक अधिगम किन परिस्थितियों में उत्तम होता है – अधिगमकर्ता के अनुरूप
- सीखने के मुख्य नियमों के अतिरिक्त गौण नियम भी हैं जो मुख्य नियमों को विज्ञतार देते हैं। गौण नियम है – बहुप्रतिक्रिया नियम
- निम्न में से जो अधिगम के स्थानान्तरण का सिद्धांत नहीं है, वह है – असमान अंशों का सिद्धान्त
- निम्न में से जो वंचित वर्ग से सम्बन्धित नहीं है, वह है – अमीर वर्ग
- मूल प्रवृत्तियां एक जाति के प्राणियों में एक-सी होती है, यह कथन है – भाटिया का
- पावलॉव ने अधिगमका जो सिद्धान्त प्रतिपादित किया था, वह है – अनुकूलित अनुक्रिया
- मूल प्रवृत्तियोंमें आवश्यक होता है – अनुभव
- ”मापन किया जाने वाला व्यक्तित्व का प्रयोग पहलू वैयक्तिक भिन्नता का अंश है।” उपर्युक्त परिभाषा दी है – स्किनर ने
- थार्नडाइक का सीखने का मुख्य नियम नहीं है – सदृश्यीकरण का नियम
- अन्तर्दृष्टि पर प्रभाव डालने वाले तत्व है – बुद्धि, अनुभव, प्रयत्न एवं त्रुटि
- क्रियात्मक अनुबन्धन का सिद्धान्त किसकी देन माना जाता है – स्किनर की
- जिन आदतों का सम्बन्ध मस्तिष्क से होता है, वह हैं – नाड़ीमण्डल सम्बन्धी आदतें
- जब पूर्व प्राप्त अनुभव नवीन समस्या को हल करने में सहायक होता है, वह है – धनात्मक स्थानान्तरण
- निम्नलिखित में से सीखने का मुख्य नियम है – अभ्यास का नियम
- थार्नडाइक का अधिगम सिद्धान्त निम्नलिखित नाम से जाना जाता है – प्रयास व त्रुटि का सिद्धान्त
- सीखने के मुख्य नियमों के अतिरिक्त गौण नियम भी हैं जो मुख्य नियमों को विस्तार देते हैं। गौण नियम है – बहुप्रतिक्रिया नियम
- कक्षा वातावरण में सीखने का महत्वपूर्ण नियम है – हस्तलेखन
- सीखी गई क्रिया का अन्य समान परिस्थितियों में उपयोग किया जाना कहलाता है – अधिगम, अधिगम स्थानान्तरण या परिपक्वता इनमें से कोई नहीं
- शिक्षा मनोविज्ञान जरूरी है – शिक्षक, छात्र, अभिभावक सभी के लिए
- अधिगम की निम्नान्कित परिभाषा किसने दी है? ‘सीखना विकास की प्रक्रिया है।‘ – बुडवर्थ
- सीखना प्रभावित होता है – प्रेरणा
- ”सीखना सम्बन्ध स्थापित करता करता है। सम्बन्ध स्थापित करने का कार्य, मनुष्य का मस्तिष्क करता है।” यह कथन है – थार्नडाइक का
- ”सीखने की असफलताओं का कारण समझने की असफलताएं हैं।” यह कथन है – मर्सेल का
- सीखने के बिना सम्भव नहीं है – वृद्धि व अभिवृद्धि
- सीखने के लिए विष्य-सामग्री का स्वरूप होना चाहिए – सरल से कठिन
- छात्रों द्वारा विचार-विनिमय किया जाता है – सम्मेलन व विचार गोष्ठी से
- प्रारम्भिक कक्षाओं में सीखने की जिन विधियों को महत्व दिया है, वह है – करके सीखना
- सीखने के प्रकार है – ज्ञानात्मक, गामक, संवेदनात्मक अधिगम
- हम जो भी नया काम करते हैं उसे आत्मसात कर लेते हैं। यह सम्बन्धित है – आत्मीकरण के नियम से
- जब किसी वस्तु को देखकर या स्पर्श कर ज्ञान प्राप्त किया जाता है तो वह सीखना कहलाता है – प्रत्यक्षात्मक सीखना
- तत्परता के द्वारा हम कार्य सीख लेते हैं – शीघ्र
- सीखने को प्रभावित करता है, कक्षा का – मनोविज्ञान वातावरण
- संवेग में प्रवृत्ति होती हैं – स्थिरता
- थार्नडाइक मनोवैज्ञानिक थे – अमेरिका के
- निम्नांकित में वंचित वर्ग में शामिल होते हैं – अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विकलांग बालक सभी
- स्किनर ने कितने प्रकार के उपपुनर्बलन का प्रयोग किया है? – चार प्रकार के
- ‘कोहलर‘ का अधिगम-सिद्धान्त निम्नलिखित नाम से जाना जाता है – अन्तदृष्टि का सिद्धान्त
- अधिगम को प्रभावित करने वाले घटक हैं – उचित वातावरण, प्रेरणा एवं परिपक्वता
- अधिगम तब तक सम्भव नहीं है जब तक कि व्यक्ति शारीरिक तथा मानसिक रूप से ……….. नहीं हो – परिपक्व
- ”संवेगात्मक जीवन में स्थानान्तरण का नियम एक वास्तविक तथ्य है।” यह कथन है – मैलोन का
- निम्न में से कौन-सा कारक किशोरावस्था में बालक के विकास को प्रभावित करता है? – खान-पान, वंशानुक्रम एवं नियमित दिनचर्या
- जिस विधि के द्वारा बालक को आत्म-निर्देशन के माध्यम से बुरी आदतों को दुड़वाने का प्रयास किया जाता है, वह विधि है – आत्मनिर्देशन विधि
- बुद्धि-लब्धि के लिए विशिष्ट श्रेय किस मनोवैज्ञानिक को जाता है? – स्टर्न को
- बालक के सामाजिक विकास में सबसे महत्वपूर्ण कारक कौन-सा है? – वातावरण का
- संवेगात्मक विकास की किस अवस्था में तीव्र परिवर्तन होता है? – किशोरावस्था
- चरित्र को निश्चित करने वाला महत्वपूर्ण कारक है – मनोरंजन सम्बन्धी कारक
- जिस आयु में बालक की मानसिक योग्यता का लगभग पूर्ण विकास होता है, वह है – 14 वर्ष
- सामान्य बुद्धि बालक प्राय: किस अवस्था में बोलना सीख जाते हैं? – 11 माह
- निम्नांकित पद्धति व्यक्तिगत भेद को ध्यान में नहीं रखकर शिक्षण में प्रयुक्त की जाती है – व्याख्यान विधि
- शारीरिक रूप से व्यक्ति-व्यक्ति के मध्य जो भिन्नता दिखाई देती है, वह कहलाती है – बाहरी विभिन्नता
- बाह्य रूप से दो व्यक्ति एकसमान हैं, लेकिन वे अन्य आन्तरिक योग्यताओं की दृष्टि से समरूप नहीं हैं, ऐसी व्यक्गित विभिन्नता कहलाती है – आन्तरिक विभिन्नता
- व्यक्तिगत शिक्षण में निम्नलिखित विधि काम में नहीं आती है – सामूहिक शिक्षण पद्धति
- मोटे रूप में व्यक्तिगत विभेद को कितने भागों में विभाजित किया गया है? – दो
- एक छात्र द्वारा गणित के सूत्र x2+y2+2xy की गणितीय अवधारणा का प्रयोग भौतिक विज्ञान के प्रश्न का हल करने में किया जाता है। उसका यह कार्य माना जाएगा – अधिगम स्थानान्तरण
- अधिगम स्थानान्तरण से बचत होती है – समय एवं श्रम की
- अधिगम स्थानान्तरा की आवश्यक शर्त है – स्थायी अधिगम, स्थिति का चयन, प्रभाव, ये सभी
- निम्नलिखित में से कौन-सा कारक अधिगम को प्रभावित करने वाले मनोवैज्ञानिक कारकों से सम्बन्धित है? – उचित प्रतिचारों का चुनाव, प्रक्रिया की प्रभावशीलता, रुचि सभी
- एक बालक गणित सीखनेमें रुचि नहीं रखता है इसलिए वह गणित में कमजोर है। यह कारक अधिगम को प्रभावित करने वाले कारकों में से किस कारक से सम्बन्धित है? – मनोवैज्ञानिक कारक से
- निम्नलिखित में कौन-सा कारक शारीरिक कारक से सम्बन्धित है जो कि अधिगम को प्रभावित करते हैं – विकलांगता, दृष्टि दोष, एवं श्रवण दोष
- तीवन वर्ष का बालक साइकिल चलाना नहीं सीख पाता है। इसका प्रमुख कारण होगा – आयु एवं परिपक्वता का अभाव
- निम्नलिखित में कौन-सा कारक अधिगम को प्रभावित करने वाले सामाजिक कारकों से सम्बन्धित है? – शिक्षित समाज, सामाजिक प्रशंसा, सामाजिक नियमों का प्रभाव
- एक बालक कक्षा में इसलिए अनुपस्थित रहता है कि उसके माता-पिता उसे गृहकार्य नहीं करने देते हैं तथा उसे अपने निजी कार्यों में लगाते हैं। इसका प्रमुख कारण माना जायेगा – अशिक्षित समाज का होना, शिक्षा के महत्व को न जानना, अभिभावक का अशिक्षित होना।
- एक बालक विभिन्न प्रकार के लोकगीतों को सरलता से सीख जाता है, जबकि उसको कक्षा में सीखने में कठिनाई होती है। इसका प्रमुख कारण है – सांस्कृतिक परम्पराओं से प्रेम होना, सभ्यता एवं संस्कृति से लगाव
- जलवायु एवं स्थान के आधार पर अधिगम का प्रभावित होना सम्मिलित किया जा सकता है – पर्यावरणीय कारकों में
- ”सूझ वास्तविक स्थिति का आकस्मिक, निश्चित और तात्कालिक ज्ञानहै।” यह कथन है – गुड का
- व्यवहारवाद की उत्पत्ति कहां से मानी जाती है? – अमेरिका से
- व्यवहारवाद के प्रमुख समर्थक थे – वाट्सन
- संरचनावाद के विकास में सर्वाधिक योगदान माना जाता है – विलियम बुण्ट का
- बुण्ट ने सबसे पहली मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला किस सन् में स्थापित की – सन् 1875 में
- मनोवैज्ञानिक स्वीयरमैन के अनुसार, बालक की बुद्धि का अधिकतम विकास किस उम्र में होता है? – 14 से 16 वर्ष की उम्र में
- ”इस बात पर कोई मतभेद नहीं हो सकता है कि किशोरावस्था जीवन का सबसे कटिन काल है।” यह कथन है – किलपैट्रिक का
- विशिष्ट बालक में प्रमुख विशेषता है – साधारण बालकों से भिन्न गुण एवं व्यवहार वाला बालक
- प्रतिभाशाली बालक की विशेषता है – तर्क, स्मृति, कल्पना आदि मानसिक तत्वों का विकास, उदार एवं हंसमुख प्रवृत्ति के होते हैं। दूसरों का सम्मान करते हैं, चिढ़ाते नहीं हैं।
- विशिष्ट बालकों की श्रेणी में आते हैं केवल – प्रतिभाशाली, पिछड़े, समस्यात्मक ये सभी
- शारीरिक रूप से अक्षम बालकों को किस श्रेणी में रखते हैं – विकलांग
- ”प्रतिभाशाली बालक शारीरिक गठन, सामाजिक समायोजन व्यक्तित्व के गुणो, विद्यालय उपलब्धि, खेल की सूचनाओं और रुचियों की विविधतामें औसत बालकों से रेष्ठ होतेहैं।” यह कथन है – टर्मन एवं ओडम का
- ”पिछड़ा हुआ बालक वह है जो अपने विद्यालयी जीवन में अध्ययन काल के मध्य में अपनी आयु के अनुरूप अपनी कक्षा से नीचे की कक्षा के उस कार्य को न कर सके, जो उसकी आयु के बालकों के लिए सामान्य कार्य है।” यह कथन है – बर्ट का
- टर्मन के अनुसार प्रतिभाशाली बालक की बुद्धिलब्धि कितने से अधिक होती है – 140
- ”जो बालक कक्षा में विशेष योग्यता रखते हैं उनको प्रतिभाशाली कहते हैं।” यह कथन है – ड्यूवी का
- चोरी, झूठ व क्रोध करने वाला बालक है – समस्यात्मक
- ”जिस बालक की शैक्षिक लब्धि 85 से कम होती है उसे पिछड़ा बालक कहा जा सकता है।” यह कथन है – बर्ट का
- ”जिस बालक की बुद्धि–लब्धि 70 से कम होती है, उसको मन्द बुद्धि बालक कहते हैं।” यह कथन है – क्रो एवं क्रो का
- ”एक व्यक्ति जिसमें इस प्रकार का शारीरिक दोष होता है जो किसी भी रूप में उसे सामान्य क्रियाओं में भाग लेने से रोकता है या उसे सीमित रखता है, उसको हम विकलांग (शारीरिक न्यूनता से ग्रस्त) कह सकते हैं।” यह कथन है – क्रो एवं क्रो का
- ”प्रतिभाशाली बालक 80 प्रतिशत धैर्य नहीं खोते, 96 प्रतिशत अनुशासित होते हैं तथा 58 प्रतिशत मित्र बनाने की इच्छा रखते हैं।” यह कथन है – विटी का
- एक बालक की वास्तविक आयु 12 वर्ष तथा मानसिक आयु 15 वर्ष है तो उसकी बुद्धिलब्धि होगी – 125
- अधिगम के प्रकार हैं – गामक अधिगम
- प्रारम्भिक कक्षाओं में सीखने की जिन विधियों को महत्व दिया है, वह है – करके सीखना
- हम जो भी नया काम करते हैं उसे आत्मसात कर लेते हैं। यह सम्बन्धित है – आत्मीकरण के नियम से
- जब किसी वस्तु को देखकर या स्पर्श कर ज्ञान प्राप्त किया जाता है तो वह सीखना कहलाता है – प्रत्यक्षात्मक सीखना
- तत्परता के द्वारा हम कार्य सीख लेते हैं – शीघ्र
- अधिगम को प्रभावित करता है, कक्षा का – मनोवैज्ञानिक वातावरण
- मन्द बुद्धि बालकों में अधिगम स्थानान्तरण मन्द गति से होने का कारण माना जाता है – बुद्धि लब्धि एवं स्मृति का अभाव
- अधिगम स्थानान्तरण के लिए शिक्षक द्वारा छात्रोंको प्रशिक्षण देना चाहिए – पृथक रूप से
- शिक्षक को उचित स्थानान्तरण के लिए सर्वप्रथम जाग्रत करना चाहिए – छात्रों के पूर्व ज्ञान को एवं छात्रों के पूर्व अनुभवों को
- ऋणात्मक स्थानान्तरण को रोकने का उपाय है – भ्रमपूर्ण परिस्थितियों पर ध्यान देना
- व्यक्तित्व के निर्माण का महत्वपूर्ण साधन है – सहयोग
- अधिगम या व्यवहार सिद्धान्त के प्रतिपादक है – क्लार्क हल
- अधिगम की सफलता का मुख्य आधार माना जाता है – लक्ष्य प्राप्ति की उत्कृष्ट इच्छा
- शिक्षा मनोविज्ञान में जिन बालकों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है, वह है – मन्द बुद्धि, पिछड़े हुए, एवं समस्यात्मक
- अधिगम का मुख्य चालक कहलाता है – अभिप्रेरणा
- समंजन की प्रक्रिया है – गतिशीलता
- अधिगम का मुख्य नियम है – तत्परता
- सीखने का स्थानान्तरण जब सम्भव होता है जब एक कार्य का सीखना अथवा निष्पादन दूसरे कार्य के सीखने अथवा निष्पादन में लाभ या हानि पहुंचाता है। यह कथन है – डीज का
- स्थानान्तरण के लिए प्रमुख रूप से आवश्यक है – स्थायी अधिगम
- अधिगम स्थानान्तरण के लिए अधिगमकर्ता में योग्यता होनी चाहिए – सही स्थिति चयन की
- स्कूटर चलाने में साइकिल चलाने का पूर्व ज्ञान सहायक सिद्ध होता है। यह उदाहरण है – ध्नात्मक स्थानान्तरण का
- एक छात्र हिन्दी के 6 (सात) के अंक को अंग्रेजी के 6 के अंक के मध्य भ्रमित हो जाता है तथा गणित विषय में अपने जोड़ एवं घटाव गलत कर देता है। यहां किस प्रकार का स्थानान्तरण हैं – ऋणात्मक स्थानान्तरण
- पूर्व ज्ञान का प्रयोग जब किसी अधिगम प्रक्रिया में सहायता या बाधा उत्पन्न नहीं करता है। तब माना जाता है – शून्य स्थानान्तरण
- सीखने की प्रक्रिया के अन्तर्गत स्थानान्तरण मे सहायक तत्व होते हैं – प्राप्त विचार, अनुभव, निपुणता
- निम्नलिखित में कौन-सा सिद्धान्त अधिगम स्थानान्तरण के प्राचीन सिद्धान्त से सम्बन्धित है – मानसिक शक्तियों का सिद्धान्त, औपचारिक मानसिक प्रशिक्षण का सिद्धान्त
- स्थानान्तरण के समरूप तत्वों के सिद्धान्त के प्रणेता है – थार्नडाइक
- स्थानान्तरण के सामान्यीकरण के सिद्धान्त के प्रणेता है – सी. एच. जड ने
- आदर्श एवं मूल्यों को अधिगम स्थानान्तरण प्रक्रिया में किस मनोवैज्ञानिक ने महत्व प्रदान किया – डब्ल्यू. सी. बागले ने
- शिक्षक द्वारा बालक को बताया जाता है कि गणित के ज्ञान में विज्ञान के ज्ञान को किस प्रकार उपयोग किया जाता है तो इस क्रिया को माना जाएगा – स्थानान्तरण का परीक्षण
- ‘सफल स्थानान्तरण प्रक्रिया के लिए विद्यालय में शिक्षक को ज्ञान होना चाहिए – स्थानान्तरण की प्रक्रिया का
- सफल स्थानान्तरण के लिए छात्रों को मिलना चाहिए – उचित प्रशिक्षण
- स्थानान्तरण की श्रेष्ठता के लिए छात्रों के लिए आवश्यक है – सैद्धान्तिक ज्ञान एवं व्यवहारिक ज्ञान
- स्थानान्तरण प्रक्रिया की सफलता के लिए आवश्यक है – समरूप तत्वों का चयन
- विज्ञान विषय में अधिगम मे स्थानान्तरण प्रक्रिया के रूप में बालक द्वारा सर्वाधिक किस विषय के ज्ञान का प्रयोग सम्भव है – गणित
- पर्यावरणीय अध्ययन में सामान्य रूप से अधिगम स्थानान्तरण हेतु किन विषयों का प्रयोग सम्भव है – विज्ञान एवं समाजशास्त्र, इतिहास एवं नागरिक शास्त्र, भूगोल एवं अर्थशास्त्र
- अधिगम स्थानान्तरण की प्रक्रिया सर्वाधिक सम्पन्न होती है – प्रतिभाशाली बालकों में
- स्थानान्तरण की प्रक्रिया की आधुनिक विचारधारा से सम्बन्धित मनोवैज्ञानिक है – थार्नडाइक एवं बाग्ले
- अधिगम स्थानान्तरण के लिए आवश्यक है – सीखने की उपयुक्त विधियां
दोस्तो आप मुझे ( नितिन गुप्ता ) को Facebook पर Follow कर सकते है ! दोस्तो अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस Facebook पर Share अवश्य करें ! क्रपया कमेंट के माध्यम से बताऐं के ये पोस्ट आपको कैसी लगी आपके सुझावों का भी स्वागत रहेगा Thanks!
दोस्तो कोचिंग संस्थान के बिना अपने दम पर Self Studies करें और महत्वपूर्ण पुस्तको का अध्ययन करें , हम आपको Civil Services के लिये महत्वपूर्ण पुस्तकों की सुची उपलब्ध करा रहे है –
UPSC/IAS व अन्य State PSC की परीक्षाओं हेतु Toppers द्वारा सुझाई गई महत्वपूर्ण पुस्तकों की सूची
Top Motivational Books In Hindi – जो आपकी जिंदगी बदल देंगी
TAG – Child Development and Pedagogy in Hindi , Education Psychology , बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र , CTET , Vyapam Samvida Teacher , HTET , REET , Bal Vikas Shiksha Shastra Notes , Bal Vikas Question Answer in Hindi PDF , Introduction to Child Development , Learning , Child Development Notes for CTET , Child Development Notes for VYAPAM
Best 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ek balak apni asafaltaao ka dos dusre pr laadker apna tanav km krta h
Ye kon ci vidhi hai?
Plzzzzz rply