Earthquake GK in Hindi – नमस्कार दोस्तो, आप सभी जानते है कि भूकंप से संबंधित कुछ प्रश्न लगभग हर प्रतियोगी परीक्षा में आते है , तो आज हम आपको भूकंप से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराऐंगे !
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भूकम्प –
- भूपटल में पृथ्वी की आंतरिक और बाह्य शक्तियों के प्रभाव के कारण उत्पन्न कंपन भूकंप (Earthquak) कहलाता है !
- भूकम्प का अध्ययन करने वाले विज्ञान को Seismology कहते है !
- भूकम्पीय तरंगों का मापन Seismograph उपकरण द्वारा किया जाता है !
- पृथ्वी के आंतरिक भाग में भूकंप उत्पत्ति केन्द्र को भूकंप मूल (Seismic Centre) कहा जाता है !
- भूकंप मूल के ऊपर स्थित धरातलीय बिन्दु अधिकेन्द्र (Epicentre) कहलाता है ! अधिकेन्द्र पर सबसे पहले भूकंपीय तरंगों के झटके महसूस किए जाते है !
भूकंप के कारण –
- ज्वालामुखी क्रिया के दौरान भू-गर्भ से निकलने वाले वाष्प और मेग्मा द्वारा धरातल पर धक्का लगने से भूकम्प की उत्पत्ति होती है !
- पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों के कारण भूपटल (Crust) की चट्टानों में भ्रंशन तथा वलन क्रिया के दौरान भूकम्प की उत्पत्ति होती है !
- भू-गर्भ शास्त्री M.F. Reed के अनुसार, पृथ्वी की आंतरिक चट्टानों के रबर के समान फैलने तथा सिकुड़ने से भूकम्प की उत्पत्ति होती है !
- मानव द्वारा खनन क्रिया, बांधों का निर्माण परमाणु विस्फोट आदि मानवीय कारणों से भूकम्प की उत्पत्ति होती है !
भूकंप पैमाने की ईकाइयाँ –
1. रिचर पैमाना या रिएक्टर स्केल – इसकी खोज अमेरिकी वैज्ञानिक चाल्र्स फ्रांसिस रिचर ने 1935 में की ! इस पर 0 से 9 तक इकाई (Unit) होती है ! रिचर स्केल में 6 से अधिक परिमाण वाले भूकंप काफी विनाशकारी होते है !
2. मारकेली स्केल – इटली के वैज्ञानिक मारकेली ने 1931 में इस स्केल का निर्माण किया था ! जिस पर कुल 12 इकाइयाँ पाई जाती है !
भूकंप तरंगे –
1. प्राथमिक तरंगे (Primary Waves) – ये अनुदैध्र्य तरंगे होती है जो आगे पीछे धक्का देते हुए चलती है ! इसकी गति सबसे अधिक 8 किमी./सेकण्ड होती है !
2. द्वितीयक तरंगे (Secondary Waves) – द्वितीयक तरंगे केवल ठोस माध्यम से गतिशील होती है। यह अनुप्रस्थ तरंगे होती है ! जो ऊपर से नीचे धक्का देते हुए चलती है। इसकी गति 5 से 6 किमी./सेकण्ड पाई जाती है !
3. धरातलीय तरंग (Land Waves) – यह 1.5 से 3 किमी./सेकण्ड की गति से चलती है ! ओैर यह तरंगे आड़े तिरछे धक्का देते हुए चलती है ! यह धरातल के समीप उत्पन्न होने वाली सबसे खतरनाक तरंगे होती है !
विश्व के भूकम्पीय क्षेत्र -
विश्व में भूकम्प में निम्न क्षेत्र पाये जाते है -
- 1. परि-प्रशांत कटिबन्ध -
- प्रशांत महासागर के चारो ओर स्थित क्षेत्र परि-प्रशांत क्षेत्र कहलाते है !
- विश्व के सबसे अधिक 65% भूकंप इसी क्षेत्र में आते है !
- इस क्षेत्र में भूकंप का कारण वलित पर्वतों की स्थिति, प्लेटों का अपसरण, एवं सक्रिय ज्वालामुखियों का पाया जाना है !
- 2. मध्यमहाद्वीपीय कटिबन्ध -
- मध्यमहाद्वीपीय कटिबन्ध को भूमध्य सागरीय और अल्पाइन हिमालय कटिबन्ध भी कहा जाता है !
- इस क्षेत्र के विष्व के लगभग 21% भूकम्प आते है !
- यह पेटी विषुवत रेखा के समानान्तर है !
- इसी पेटी में हिमालय, आल्पस और अफ्रीका के भ्रंष घाटी के सहारे स्थित भूकंपीय क्षेत्र आते है !
- इस क्षेत्र के सबसे प्रमुख भूकंप क्षेत्र इटली, चीन, मध्य एषिया और बाल्कान प्रायद्वीप है !
- भारत का भूकंप क्षेत्र इसी पेटी के अन्तर्गत शामिल किया जाता है !
- 3. मध्य महासागरीय कटिबन्ध -
- महासागरों के बीच वाले भाग में पाए जाने वाले मध्य सागरीय कटक के पास भूकम्प की उत्पत्ति होती है !
- Altantic और हिन्द महासागरीय क्षेत्र में अवसादी प्लेट सीमांत के पास भूकम्प की उत्पत्ति होती है !
- इसमें भूमध्य रेखा के आस-पास के क्षेत्रों मे सर्वाधिक भूकम्प आते है !
भारत में भूकम्प क्षेत्र -
- भारत का 2/3 भाग भूकम्प के लिए संवेदनशील क्षेत्र है !
- भारत में हिमालय पर्वत, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखण्ड, पंजाब भूकम्प प्रभावित क्षेत्र माने जाते है !
- भारत में हिमालय क्षेत्र भूकम्प के लिए सबसे अधिक संवेदनशील है ! इसका प्रमुख कारण हिमालय पर्वत की निर्माण प्रक्रिया अभी भी बाकी है ! अभी भी भारतीय प्लेट (गोंडवाना) यूरेशियाई प्लेट की ओर खिसक रही है !
- भारत में प्रायद्वीपीय पठार को भूकम्प की आशका से मुक्त माना जाता है !
- भारत के मैदानी क्षेत्रों में हिमालय क्षेत्र की भूगर्भिक घटनाओं का प्रभाव अधिक पड़ता है ! जिसके कारण इस क्षेत्र में भूकम्प आते है !
- म. प्र. में नर्मदा घाटी क्षेत्र, सबसे अधिक भूकम्प के लिए संवेदनशील है ! यहाँ पर 1997 में भूकम्प आया था !
- 30 दिसंबर 1993 को महाराष्ट्र के लातूर में भयंकर भूकम्प आया था !
- 26 जनवरी 2001 को गुजरात के कच्छ ओर भुज में भूकम्प आया था !
- भारत को 5 भूकम्पीय क्षेत्रों में विभाजित किया गया है !
- भारत का हिमालय क्षेत्र 5वीं भूकम्पीय पेटी में स्थित है जहाँ पर विनाश की अत्यधिक सम्भावना है !
- भारत में पुणे, देहरादून, दिल्ली, मुंबई तथा कोलकाता में भूकंप मापक केन्द्र बनाए गए है !
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