नमस्कार दोस्तो , कैसे हैं आप सब ? I Hope सभी की Study अच्छी चल रही होगी
दोस्तो आप में से कुछ साथियों ने मुझसे Child Development and Pedagogy के नोट्स की मांग की थी ! तो उसी को ध्यान में रखते हुये आज से हम अपनी बेबसाइट पर Child Development and Pedagogy के One Liner Question and Answer के पार्ट उपलब्ध कराऐंगे , जो आपको सभी तरह के Teaching के Exam जैसे CTET , UPTET , MP Samvida Teacher , HTET , REET आदि व अन्य सभी Exams जिनमें कि Child Development and Pedagogy आता है उसमें काम आयेगी !
आज की हमारी पोस्ट Child Development and Pedagogy का 6th पार्ट है जिसमें कि हम शिक्षणशास्त्र ( Pedagogy ) से संबंधित Most Important Question and Answer को बताऐंगे ! तो चलिये दोस्तो शुरु करते हैं !
सभी बिषयवार Free PDF यहां से Download करें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 1 यहां पढें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 2 यहां पढें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 3 यहां पढें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 4 यहां पढें
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 5 यहां पढें
Child Development and Pedagogy in Hindi
- ‘Pedagogy’शब्द की उत्पत्ति हुई है –यूनानी भाषा से
- ‘Pedagogy’ का अर्थ है –शिक्षण विधियां
- ‘शिक्षणशास्त्र को शिक्षण विधियों की कला’ किसने माना है –शब्दकोश से
- शिक्षणशास्त्र है –कला एवं विज्ञान
- शिक्षणशास्त्र में निहित है –शिक्षा व शिक्षण
- शिक्षणशास्त्र में प्रमुखता है –वैज्ञानिकता की
- ”शिक्षण को समस्या समाधान का आविष्कार” किसने कहा है –एच. जे. तीविट ने
- राष्ट्रीय शिक्षा तकनीकी परिषद् द्वारा शिक्षणशास्त्र है –अधिगम प्रक्रिया में सुधार हेतु विधियों का विकास, तकनीकी एवं सहायक साधनों का प्रयोग एवं मूल्यांकन
- एक शिक्षक शिक्षण करते समय बालकेन्द्रित विधियों के साथ-साथ शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रयोग करता है। वह अनुकरण करता है –शिक्षणशास्त्र का
- ”विज्ञान एवं तकनीकी के नियमों तथा नवीनतम आविष्कारों के शिक्षा प्रक्रिया में प्रयोग को शिक्षणशास्त्र” कहा जाता है। यह कथन है –एस. एस. कुणकर्णी का
- आई.के.डेविस के अनुसार, शिक्षणशास्त्र का सम्बन्ध है –शिक्षण एवं प्रशिक्षण की समस्याओं से
- डब्ल्यू. के रिचमण्डके अनुसार शिक्षणशास्त्र सम्बन्धित है –समुचित अधिगम परिस्थितियों के निर्माण से, शिक्षण अथवा प्रशिक्षण के लक्ष्यों की प्राप्ति से, अनुदेशन के सर्वोत्तम साधनों की व्यवस्था से
- शिक्षणशास्त्र का सम्बन्ध होता है –शिक्षक की लगन, शिक्षक की प्रतिबद्धता, शिक्षक की जवाबदेही
- शिक्षणशास्त्र का उद्देश्य है –शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में प्रभावी सुधार
- निम्नलिखित में कौन-सा तथ्य शिक्षणशास्त्र के कलात्मक पक्ष से संबंधित है –भावात्मक क्रियाएं, मूल्य एवं विश्वास, दार्शनिक कथन
- कौन-से कथन शिक्षणशास्त्र के वैज्ञानिक पक्ष से सम्बन्धित है –क्रियात्मक पक्ष
- शिक्षणशास्त्र है –तकनीकी एवं विधियों का विज्ञान
- शिक्षणशास्त्र को रचनात्मक शिक्षणशास्त्र का नाम किस विद्वान ने दिया है –सिल्वरमैन ने
- अध्यापक होता है –जन्मजात व प्रशिक्षण द्वारा
- शिक्षणशास्त्र शैक्षिक प्रक्रिया का है –यन्त्रीकरण व वैज्ञानिकीकरण
- शिक्षणशास्त्र द्वारा सम्भव होता है –ज्ञान संचय, ज्ञान संचार, ज्ञान विकास
- शिक्षणशास्त्र है –आधुनिक विषय
- शिक्षणशास्त्र बल देता है –शिक्षण यंत्रों के प्रयोग पर, नवीन शिक्षण विधियों के प्रयोग पर, शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रयोग पर
- शिक्षणशास्त्र है –साधन
- प्राचीन काल में शिक्षणशास्त्र के प्रमुख साधन थे –चार्ट एवं मॉडल
- वर्तमान समय में शिक्षणशास्त्र के साधन है –दूरदर्शन
- शिक्षणशास्त्र में समावेश है –अधिगम का, सूक्ष्म शिक्षण का, व्यवहार विश्लेषण का
- हिलायार्ड जेसन के अनुसार,शिक्षणशास्त्र के लिक्ष्य है – सूचना प्रसार, विशिष्ट कौशलों के अभ्यास में सहायता, पृष्ठपेाषण की व्यवस्था में सहयोग देना
- शिक्षणशास्त्र के सामान्य लक्ष्य है – समूची शिक्षा पद्धति का प्रबन्ध करना
- शिक्षणशास्त्र का विशिष्ट लक्षय है –विद्यार्थियों की शिक्षा सम्बन्धी आवश्यकता को पहचानना
- शिक्षणशास्त्र का प्रमुख लक्ष्य है –अधिगम विधियों का आधुनिकीकरण
- हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर एवं जनसंचार माध्यमों का प्रयोग शिक्षणशास्त्र के किस उद्देश्य के अन्तर्गत आता है –विशिष्ट उद्देश्य
- शिक्षण अधिगम विधियों का आधुनिकीकरण शिक्षणशास्त्र के किस उद्देश्य के किस उद्देश्य में आता है –प्रमुख उद्देश्य
- समूची शिक्षा पद्धति में सुधार एवं प्रबन्ध का उद्देश्य आता है –सामान्य उद्देश्य
- शिक्षणशास्त्र का प्रमुख क्षेत्र है –शिक्षण अधिगम विश्लेषण का विकास
- रोनथ्री के अनुसार,शिक्षणशास्त्र का क्षेत्र है –उद्देश्य व लक्ष्यों की पहचान, अधिगम पर्यावरण का आयोजन, विषय-वस्तु की खोजन एवं संरचना
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसर,शिक्षणशास्त्र का प्रमुख क्षेत्रहै –शिक्षा के औपचारिक एवं अनौपचारिक क्षेत्रों में सूचना का प्रसार
- शिक्षणशास्त्र के प्रमुख पक्ष है –तीन
- शिक्षणशास्त्र के अदा पक्ष से आशय है –छात्र का प्रारम्भिक व्यवहार
- शिक्षणशास्त्र के प्रदा पक्ष से अभिप्राय है –छात्र का अन्तिम व्यवहार
- निम्नलिखित में कौन-सा पक्ष शिक्षणशास्त्र से सम्बन्धित है –अदा, प्रदा, अधिगम प्रक्रिया
- निम्नलिखित में से कौन-सा तथ्य अदा प्रक्रिया में सवावेशित नहीं होता है –विषय-वस्तु की विशेषताओं की पहचान
- निम्नलिखित में कौन-सा तथ्य प्रदापक्ष से सम्बन्धित नहीं है –विषय-वस्तु की विशेषताओं को पहचानना
- विषय-वस्स्तु के स्तर होते हैं –तीन
- विषय-वस्तु का तार्किक क्रम में प्रस्तुतीकरण सम्बन्धित है – विषय-वस्तु से, शिक्षण अभ्यास से
- शिक्षण विश्वास में निहित तत्व है –शिक्षण में संलग्नता, शिक्षण में निष्ठता, शिक्षण में प्रतिबद्धता
- निम्नलिखित में कौन-सा तथ्य शिक्षण अभ्यास से सम्बन्धित नहीं है –शिक्षण वृत्ति में नैतिकमूल्यों का पालन
- शिक्षण विधियों एवं शिक्षण सूत्रों का प्रयोग सम्बन्धित है –शिक्षण अभ्यास से
- पृष्ठपोषण शिक्षणशास्त्र का सोपान है –अन्तिम
- शिक्षणशास्त्र का प्रथम सोपान है –शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का विश्लेषण
- शिक्षण अधिगम प्रक्रियाशिक्षणशास्त्र का पक्ष है –मध्यस्थ
- प्रदा शिक्षणशास्त्र का कौन-सा पक्ष है –तृतीय
- अदा शिक्षणशास्त्र का कौन से पक्ष है –प्रथम
- सुसकरात को एक शिक्षककेरूप में स्वीकार किया जाए तो आप उसे मानेंगे –जन्मजात शिक्षक
- शिक्षणशास्त्र के अध्ययन से शिक्षक को ज्ञान होता है –शिक्षण सूत्रों का, शिक्षण विधियों का, शिक्षण विज्ञान का
- शिक्षणशास्त्र में विश्लेषणात्मक शिक्षण सम्बन्धित है –कलात्मक पक्ष से एवं वैज्ञानिक पक्ष से
- आलोचनात्मक शिक्षण को शिक्षणशास्त्र के किस पक्ष से सम्बन्धित माना जाता है –कलात्मक पक्ष
- शिक्षणशास्त्र में प्रभावी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया सम्बन्धित है –कलात्मक एवं वैज्ञानिक पक्ष से
- शिक्षणशास्त्र की अवधारणा के विकास में सहयोगरहा है –श्रव्य-दृश्य साधनों के उपयोग का एवं विकसित यंत्रों एवं उपकरणों के उपयोग का
- अभिक्रमित अनुदेशन एवं अधिगमशिक्षणशास्त्र के विकास में है –सहायक
- शिक्षणशास्त्र की प्रकृति है –कलात्मक, वैज्ञानकि, तकनीकी से सम्बन्धित
बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र व से संबंधित सभी Notes व PDF यहां से Download करें
दोस्तो आप मुझे ( नितिन गुप्ता ) को Facebook पर Follow कर सकते है ! दोस्तो अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस Facebook पर Share अवश्य करें ! क्रपया कमेंट के माध्यम से बताऐं के ये पोस्ट आपको कैसी लगी आपके सुझावों का भी स्वागत रहेगा Thanks!
दोस्तो कोचिंग संस्थान के बिना अपने दम पर Self Studies करें और महत्वपूर्ण पुस्तको का अध्ययन करें , हम आपको Civil Services के लिये महत्वपूर्ण पुस्तकों की सुची उपलब्ध करा रहे है –
UPSC/IAS व अन्य State PSC की परीक्षाओं हेतु Toppers द्वारा सुझाई गई महत्वपूर्ण पुस्तकों की सूची
Top Motivational Books In Hindi – जो आपकी जिंदगी बदल देंगी
TAG – Child Development and Pedagogy in Hindi , Education Psychology , बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र , CTET , Vyapam Samvida Teacher , HTET , REET , Bal Vikas Shiksha Shastra Notes , Bal Vikas Question Answer in Hindi PDF , Introduction to Child Development , Learning , Child Development Notes for CTET , Child Development Notes for VYAPAM , Child Development and Pedagogy Notes for MP Samvida Shikshak , Child Development and Pedagogy Notes in Hindi for UPTET Notes , Child Development and Pedagogy PDF in Hindi
Nice sir good job