Child Development and Pedagogy CTET

बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 4 – पिछली परीक्षाओं में पूंछे गये महत्वपूर्ण Question and Answer

Pedagogy Notes in Hindi For Vyapam
Written by Nitin Gupta

नमस्कार दोस्तो , कैसे हैं आप ? I Hope आप सभी की पढाई अच्छी चल रही होगी 🙂

दोस्तो आज की हमारी पोस्ट बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र से संबंधित उन प्रश्नों के बारे में है जिनको पिछ्ले Teaching के Exam जैसे CTET , UPTET , MP Samvida Teacher , HTET , REET आदि में कहीं न कहीं पूंछा गया है ! और आंगे आने बाले सभी तरह के Exams , जिनमें कि Child Development and Pedagogy से संबंधित प्रश्न पूंछे जाने हैं उनमें द्वारा पूंछे जाने कि पूरी पूरी संभाबना है तो आप सभी इन प्रश्नों को अच्छे से याद कर लीजिये 🙂

Child Development and Pedagogy के पिछ्ले Year के Question से संबंधित यह हमारा 4th पार्ट है व इसके अन्य पार्ट भी हम लगातार आपको अपनी बेबसाईट पर उपलब्ध कराते रहेंगे तो आप सभी से Request है कि आप हमारी बेबसाईट को विजिट करते रहिये ! 🙂

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Pedagogy Notes in Hindi

  • किस आयुकाल में मानसिक विकास अपनी उच्‍चतम सीमा पर पहुँच जाता है – 15-20 वर्ष
  • ‘दो बालकों में समान मानसिक योग्‍यताएं नहीं होती है’ उक्‍त कथन किस मनोवैज्ञानिक का है – हॉरलॉक
  • किशोर अवस्‍था में सामाजिक विकास पर जिसका प्रभाव नहीं पड़ता,वह निम्‍न में से कौन सी है – असुरक्षा
  • किशोर अवस्‍था में चरित्र निर्माण प्रक्रियासे जो अवस्‍था संबंधित है, वह निम्‍न में से है – आधारहीन आत्‍मचेतना अवस्‍था
  • किशोर अवस्‍था की मुख्‍य विशेषता निम्‍न में से है – आत्‍म गौरव
  • किशोरावस्‍था के आकस्मिक विकास का सिद्धान्‍त कब किसने किया – 1904 में स्‍टेनले हॉल ने
  • ‘सामाजिक एवं संवेगात्‍मक विकास साथ-साथ चलते हैं। यह कथन है – हॉल का
  • ‘किशोर प्रौढ़ो को मार्ग में बाधा समझता है, जो उसे अपनी स्‍वतंत्रता का लक्ष्‍य प्राप्‍त करने से रोकते हैं।’ यह कथन किसका है – कॉलसनिक
  • ‘मैं किसी की परवाह नहीं करता’ ऐसी अभिवृत्ति वाले बच्‍चों के व्‍यवहार को क्‍या कहते हैं – अस्‍वीकरण
  • नैतिक मूल्‍यों का विकास किया जा सकता है, यदि अध्‍यापक – स्‍वयं उन पर आचरण करें।
  • बी. एफ. स्‍कीनर के अनुसार बच्‍चों में भाषा का विकास निम्‍नलिखित का परिणाम है – अनुकरण तथा पुनर्बलन
  • बच्‍चों की शारीरिक वृद्धि की दर अधिकतम होती है – पूर्व बचपन में उत्‍तर बचपन की बजाय
  • कौन-सा अवसर किशोरों की आवश्‍यकता है – वाद-विवाद, तर्क तथा चर्चा
  • किस अवस्‍था में स्‍व-सम्‍मान की भावना सबसे अधिक पायी जाती है – किशोरावस्‍था
  • अभिवृद्धि शब्‍द का प्रयोग किया जाता है – बालक के सामाजिक विकास के लिए
  • व्‍यक्तिगत शिक्षण में निम्‍नलिखित विधि नहीं आती है – सामूहिक शिक्षण
  • निम्‍न में से व्‍यक्तिगत विभिन्‍नता के प्रकार है – शारीरिक विभिन्‍नता, मानसिक विभिन्‍नता एवं संवेगात्‍मक विभिन्‍नता
  • व्‍यक्तिगत विभिन्‍नता का आधारभूत कारण है – बंशानुक्रम
  • ”ए सर्वे ऑफ दी एजुकेशन ऑफ गिफ्टेड चिल्‍ड्रन” पुस्‍तक के लेखक है – हैविगहर्स्‍ट
  • मनो‍शारीरिक असमानताओं को कहा जाता है – व्‍यक्तिगत विभिन्‍नता
  • ”मापन किया जाने वाला व्‍यक्तित्‍व का प्रत्‍येक पहलू वैयक्तिक भिन्‍नता का अंश है।” उपर्युक्‍त परिभाषा दी है – स्किनर ने
  • शारीरिक रूप से व्‍यक्ति के मध्‍य जो भिन्‍नता दिखाई देती है, वह कहलाती है – बाहरी भिन्‍नता
  • बाह्य रूप से दो व्‍यक्ति एक समान हैं लेकिन वे अन्‍य योग्‍यताओं की दृष्टि से समरूप नहीं है, ऐसी व्‍यक्तिगत विभिन्‍नता कहलाती है – आन्‍तरिक विभिन्‍नता
  • निम्‍नलिखित में से कथन सही है – दो व्‍यक्ति समान नहीं होते हैं। वैयक्तिक भिन्‍नताओं का मापन सम्‍भव है। बैयक्तिक भिन्‍नता सार्वभौमिक होती है।
  • लड़के मारपीट, झगड़ा, खेलकूद अधिक पसन्‍द करते हैं, जबकि ल‍ड़कियां वस्‍त्र पहनने, गुडि़या खेलने तथा घरों में काम में ध्‍यान लगाती है, यह विभेद कहलाता है – रुचि सम्‍बन्‍धी भेद
  • एक बहु-सांस्‍कृतिक कक्षा-कक्ष में एक अध्‍यापिका सुनिश्चित करेगी कि आकलन में निम्‍नलिखित में सम्मिलित हो – अपने विद्यार्थियों की सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्‍ठभूमि
  • व्‍यक्तिगत भिन्‍नता होती है – बौद्धिक, शारीरिक, चारित्रिक
  • व्‍यक्तिगत विभिन्‍नताओं के आधार पर शिक्षक को सहायता मिलती है – शैक्षिक व व्‍यावसायिक निर्देशन में, छात्रों के वर्गीकरण में, शिक्षण विधि के चयन में
  • कक्षा में ऊँचा सुनने वाले तथा कमजोर नजर के छात्रों को बैठाना चाहिए – आगे की पंक्ति में
  • आप कक्षा-8 के गणित विषय के अध्‍यापक हो। एक बालक आपके विषय में अनुत्‍तीर्ण हो जाता है, आप उसे उत्‍तीर्ण करवाने हेतु क्‍या करोगे – व्‍यक्तिगत निर्देशन एवं परामर्श
  • समावेशी शिक्षा के पीछे मूलाधार यह है कि – समाज में विभिन्‍नता है और विद्यालयों को विभिन्‍नता के प्रतिसंवेदनशील होने के लिए समावेशी होने की आवश्‍यकता है।
  • एक बालक अपने विचारों एवं भावनाओं को प्रकट नहीं करता है, वह किस श्रेणी में रखा जाएगा – दमित
  • ”स्‍वस्‍थ शरीर में ही स्‍वस्‍थ्‍य मस्तिष्‍क का निर्माण ही शिक्षा है” कथन है – अरस्‍तु
  • आक्रामक बालकों की आक्रामकता को कम करने हेतु आप विद्यालय स्‍तर पर सर्वोच्चित उपाय करेंगे – शक्ति का सदुपयोग
  • निम्‍नांकित पद्धति व्‍यक्तिगत भेद को ध्‍यान में नहीं रखकर शिक्षण में प्रयुक्‍त की जाती है – व्‍याख्‍यान पद्धति
  • इस पर अत्‍यधिक वाद-विवाद होता है कि क्‍या लड़कों एवं लड़कियों में योग्‍यताओं का विशिष्‍ट समूह उनके आनुवंशिक घटकों के कारण होता है। इस संदर्भ में निम्‍नलिखित में से आप सबसे अधिक किससे सहमत हैं – लड़कियों को सेवाभाव के लिए सामाजिक रूप से तैयार किया जाता है जबकि लड़कों को रोने जैसा संवेग प्रदर्शित करने के लिए हतोत्‍साहित किया जाता है।
  • एक उच्‍च प्राथमिक विद्यालय के संरचनात्‍मक कक्षा-कक्ष में अपने स्‍वयं के आंकलन में विद्यार्थियों की भूमिका निम्‍नलिखित में से क्‍या देखा जाएगा – विद्या‍र्थी अध्‍यापक के साथ आंकलन के लिए योजना बनाएँगे।
  • व्‍यक्तिगत भेद पाये जाते हैं – बुद्धि स्‍तर में, अभिवृत्ति में, गतिवाही योग्‍यता में
  • व्‍यक्तिगत भेद में हम पाते हैं – विचलनशीलता, प्रतिमानता
  • कौन सा व्‍यक्तिगत भिन्‍नताओं का कारण नहीं है – निर्देशन
  • बालकों में प्रभावी अधिगम हेतु निम्‍नलिखित में से कौन सा विकल्‍प सबसे कम महत्‍तव रखता है – अधिगम का दार्शनिक आधार

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  • नि:शक्‍त बच्‍चों के लिए समेकित शिक्षा की केन्‍द्रीय प्रायोजित योजना का उद्देश्‍य …………. में नि:शक्‍त बच्‍चों को शैक्षिक अवसर कराना – नियमित विद्यालयों
  • विशेष रूप से जरूरतमंद बच्‍चों की शिक्षा का प्रबंध होना चाहिए – दूसरे सामान्‍य बच्‍चों के साथ।
  • निम्‍न में से कौन सा विकल्‍प उप‍लब्धि में व्‍यक्तिगत भिन्‍नता का प्रतीक नहीं है – लिंग में विभिन्‍नता
  • शिक्षा मनोविज्ञान में जिन बालकों के व्‍यवहार का अध्‍ययन किया जाता है, वे हैं – समस्‍यात्‍मक बालक, कम गति से सीखने वाले बालक, मंद बुद्धि बालक
  • गिलफोर्ड ने अभिसारी चिन्‍तन (Converfent Thinking) पद का प्रयोग किससे समान अर्थ में किया है – बुद्धि
  • नि:शक्‍त बालकों (Disdoilities) की शिक्षा के लिए प्रावधान किया जा सकता है – समावेशित शिक्षा द्वारा
  • व्‍यक्तिगत विभिन्‍नताओं को ध्‍यान में रखते हुए विद्यार्थियों के शिक्षण के लिये प्रायोजना पद्धति के निर्माता थे – किलपैट्रिक
  • वैयक्तिक विभिन्‍नताओं के आधारपर पार्कहर्स्‍ट ने बालकों के लिए शिक्षा पद्धति दी – डाल्‍टन प्‍लान
  • सीमा हर पाठ को बहुत जल्‍दी सीख लेती है, जबकि लीना उसे सीखने में ज्‍यादा समय लेती है, यह विकास ………… सिद्धान्‍त को दर्शाता है – वैयक्तिक भिन्‍नता
  • एक अध्‍यापक किसी भी समूह में समुदाय आधारित व्‍यक्तिगत विभिन्‍नताओं को समझ सकता है – भाषा एवं अभिव्‍यक्ति के आधार पर
  • ADHD है – अवधान विकृति
  • निम्‍न में से कौन सा कारक समस्‍या समाधान में बाधक हो सकता है – मानसिक वृत्ति
  • आधुनिक शिक्षा में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग आधारित है – व्‍यक्तिगत विभिन्‍नताअें पर
  • वह प्रक्रिया जिसके द्वारा वस्‍तुओं तथा वस्‍तुनिष्‍ठ तथ्‍यों को ज्ञानेन्द्रियों द्वारा जाना जाता है – प्रत्‍यक्षीकरण
  • व्‍यक्तिक भिन्‍नता पर सर्वप्रथम महत्‍तवपूर्ण कार्य करने वाले व्‍यक्ति – फ्रांसीसी गाल्‍टन
  • छात्रों में सीखने की योग्‍यता निर्भर करती है – व्‍यक्तिगत भिन्‍नता पर
  • निम्‍नलिखित में से कौन सी विशेषता बालकों के संवेगों की विशेषता है – ये क्षणिक होते हैं।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा चोरी का कारण नहीं हो सकता – अभिभावकों का नियंत्रण व अनुशासन
  • थर्स्‍टन की अभिवृत्ति मापनी कहलाती है – सम अंतराल मापनी
  • आदतों, ज्ञानतथा अभिवृत्तियों का अर्जन है – अधिगम
  • सामूहिक अचेतन का सम्‍प्रत्‍यय किसने प्रतिपादित किया – युंग
  • व्‍यक्तिगत विभिन्‍नता के आधार पर शिक्षा देने हेतु निम्‍न में से कौन सा विकल्‍प उपयुक्‍त है – बुद्धि के स्‍तर पर आधार पर बालकों का कक्षा विभाजन
  • बालकों में व्‍यक्तिगत विभेद के मुख्‍य कारण है – मानसिक गुण
  • शाब्दिक व्‍यवहार-कौशल का महत्‍तव है – सम्‍प्रत्‍यय निर्माण में
  • विद्यालयों को किसके लिए वैयक्तिक भिन्‍नताओं को पूरा करना चाहिए – यह समझने के लिए कि क्‍यों शिक्षार्थी सीखने के योग्‍य या अयोग्‍य है।
  • शिक्षार्थियों में वैयक्तिक भिन्‍नताओं को सम्‍बोधित किरने के लिए विद्यालय किस प्रकार का सहयोग उपलब्‍ध करवा सकता है – बाल-केन्द्रित पाठ्यचर्चा का पालन करना और शिक्षार्थियों को सीखने के अनेक अवसर उपलब्‍ध करना।
  • बच्‍चों में सीखने और सुनने के लिए अधिगमयोग्‍य वातावरण के लिए निम्‍नलिखित में से कौन उपयुक्‍त है – शिक्षार्थियों को कुद यह छूट देना कि क्‍या सीखना है और कैसेसीखना है।
  • शिक्षार्थी वैयक्तिक भिन्‍नता प्रदर्शित करते हैं, अत- शिक्षक को – सीखने के विविध अनुभवों को उपलब्‍ध कराना चाहिए।
  • ‘प्रतिभाशाली बालक वह है, जो अपने उत्‍पादन की मात्रा, दर तथा गुणवत्‍ता में विशिष्‍ट होता है।’ यह कथन दिया गया है – आर डब्‍ल्‍यू टेलर द्वारा
  • अध्‍यापन के समय अध्‍यापक को निम्‍नलिखित में से किसका सर्वाधिक ध्‍यान रखना चाहिए – वैयक्तिक भिन्‍नता
  • निष्‍पत्ति परीक्षणों का सबसे अधिक उपयोग है – छात्र वर्गीकरण में
  • कक्षा में भावी अनुशासन के लिए अध्‍यापक को चाहिए – छात्रों को कुछ समस्‍याएँ हल करने को दें।
  • व्‍यक्तिगत भिन्‍नता का ज्ञान अध्‍यापक को मदद करता है – शिक्षण अधिगम क्रियाओं की योजना बनाने में
  • कक्षामें विद्यार्थियों के वैयक्तिक विभेद – लाभकारी हैं, क्‍योंकि ये विद्यार्थियों की संज्ञानात्‍मक संरचनाओं को खोजने में अध्‍यापकों को प्रवृत्‍त करते हैं।
  • व्‍यक्तिगत विभिन्‍नताओं का क्षेत्र है – लिंग भेद, शारीरिक संरचना, मानसिक योग्‍यताएँ
  • अच्‍छे मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य का संकेतक है – संवेगों पर नियंत्रण रखना।
  • मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के सम्‍प्रत्‍यय की पूर्ण जानकारी एक शिक्षक को योग्‍य बनाती है – विद्यार्थियोंके अवांछित व्‍यवहार में गहन सूझ विकसित करने में।
  • व्‍यक्तिगत भिन्‍नता के कारक होते हैं – वंशानुगत एवं वातावरणीय
  • कुसमायोजित व्‍यक्ति कहलाते हैं, जो – अधिकतर अनुचित ढंग से द्वंद्वात्‍मक स्थिति का सामना करते हैं। समाज विरोधी गतिविधि में सहभागिता रखते हैं। द्वन्‍द्व को दूर करने में असमर्थ होते हैं।
  • छात्रों को मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ्‍य एवं स्‍वच्‍छ बने रहने के लिए विद्यालय प्रशासन को कौन सा तरीका अपनाना चाहिए – नियमित स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण
  • एक बच्‍चा सदैव दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखाता है। यह आदत कहलाती है – भावना संबंधी आदत
  • अच्‍छी स्‍मृति की विशेषताएं है – शीघ्र पुन:स्‍मरण, शीघ्र पहचान, अच्‍छी धारणा

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About the author

Nitin Gupta

GK Trick by Nitin Gupta पर आपका स्वागत है !! अपने बारे में लिखना सबसे मुश्किल काम है ! में इस विश्व के जीवन मंच पर एक अदना सा और संवेदनशीलकिरदार हूँ जो अपनी भूमिका न्यायपूर्वक और मन लगाकर निभाने का प्रयत्न कर रहा हूं !! आप मुझे GKTrickbyNitinGupta का Founder कह सकते है !
मेरा उद्देश्य हिन्दी माध्यम में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने बाले प्रतिभागियों का सहयोग करना है !! आप सभी लोगों का स्नेह प्राप्त करना तथा अपने अर्जित अनुभवों तथा ज्ञान को वितरित करके आप लोगों की सेवा करना ही मेरी उत्कट अभिलाषा है !!

1 Comment

  • धन्यवाद नितिन गुप्ता जी,
    आपने हमारे इस नम्बर पर इस जीके. ट्रिक्स को भेजकर आपने हमारे ऊपर बहुत बड़ा उपकार किया है इस उपकार के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद!
    हमे आपकी यह ट्रिक्स बहुत ही अच्छी लगी
    मुझे आशा रहेगी कि आप आैर इसी तरह की ट्रिक्स भेजते रहेंगे।
    Please more gk tricks send to my this my numbe Thank you
    So much
    Good evening
    Mr. Nitin sir

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