Child Development and Pedagogy CTET

बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 16 – पिछली परीक्षाओं में पूंछे गये महत्वपूर्ण Question and Answer

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Written by Nitin Gupta

नमस्कार दोस्तो , कैसे हैं आप ? I Hope आप सभी की पढाई अच्छी चल रही होगी 🙂

दोस्तो आज की हमारी पोस्ट बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र से संबंधित उन प्रश्नों के बारे में है जिनको पिछ्ले Teaching के Exam जैसे CTET , UPTET , MP Samvida Teacher , HTET , REET आदि में कहीं न कहीं पूंछा गया है ! और आंगे आने बाले सभी तरह के Exams , जिनमें कि Child Development and Pedagogy से संबंधित प्रश्न पूंछे जाने हैं उनमें द्वारा पूंछे जाने कि पूरी पूरी संभाबना है तो आप सभी इन प्रश्नों को अच्छे से याद कर लीजिये 🙂

Child Development and Pedagogy के पिछ्ले Year के Question से संबंधित यह हमारा 16th पार्ट है व इसके अन्य पार्ट भी हम लगातार आपको अपनी बेबसाईट पर उपलब्ध कराते रहेंगे तो आप सभी से Request है कि आप हमारी बेबसाईट को विजिट करते रहिये ! 🙂

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  • पृथक कक्षाओं एवं संवर्धन कार्यक्रमों का प्रयोग शिक्षा के लिए किया जाता है – प्रतिभाशाली बालकों के लिए
  • जिन बालकों की शैक्षिक उपलब्धि अपनी आयु के अन्‍य बालक से निम्‍न रहती है, कहलाते हैं – पिछड़ा बालक
  • प्रतिभाशाली बच्‍चों के लिए आवश्‍यक है – उन्‍हें विशिष्‍ट योग्‍यता हेतु विशेष अवसर दिये जाये।
  • एक छात्र जो हमेशा नई-नई जानकारियों के लिए स्‍त्रोतों की खोज करता रहता है व शिक्षकों व सहपाठियों से तर्क वितर्क करता रहता है, तो होता है – प्रतिभाशाली बालक
  • प्रतिभाशाली बच्‍चों के संदर्भ में संवर्त्रन (Acceleration) का अर्थ है – ऐसे विद्यार्थियों को वर्तमान स्‍तर/ग्रेड को छोड़कर अगले उच्‍च ग्रेड में प्रोन्‍नत करना।
  • प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए निम्‍न‍ि‍लिखित में से कौन सी गतिविधि सर्वाधिक उपयुक्‍त है – दी गई संकल्‍पनाओं के आधार पर मौलिक नाटक लिखना।
  • प्रतिभाशाली विद्यार्थियों अपनी क्षमताओं को तब विकसित कर पाएँगे जब – वे अन्‍य विद्यार्थियों के साथ अधिगम-प्रक्रिया से जुड़ते हैं।
  • सुधार स्‍कूल स्‍थापित किए गए हैं – बाल अपराधियों के लिए
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा समाज विरोधी बालक के बारे में सत्‍य नहीं है – समाज विरोधी बालक में दोष की भावना कम होती है।
  • निम्‍न में से कौन से विशिष्‍ट बालकों की श्रेणी में नहीं आते हैं – लम्‍बे बालक
  • विकलांग बालकों से हम समझते हैं, ऐसे बालक – जो शारीरिक दोष से ग्रसित हों।
  • हकलाने का कारण है – शारीरिक व मनोवैज्ञानिक
  • मंदितमना बालकों को शिक्षित करते समय शिक्षक को यह ध्‍यान में रखना चाहिए कि वे – व्‍यवसाय संबंधी कौशल सीख सके।
  • प्रतिभावान बालकों की पहचान करने के लिए हमें सबसे अधिक महत्‍तव देना चाहिए – वस्‍तुनिष्‍ठ परीक्षणों के परिणाम को।
  • निम्‍न में से किसमें न्‍यूनतम अवधान की आवश्‍यकता होती है – अधिगम
  • बुलिमिया है – भोजन ग्रहण विकृति
  • बाल-अपराध का मनोवैज्ञानिक कारण है – अवरूद्ध इच्‍छा
  • वह परीक्षण जिसमें बच्‍चों को पारम्भिक बिन्‍दु से लेकर अंतिम बिन्‍दु तक सही रास्‍ता खोजना होता है, कहलाता है – भूल भूलैया
  • मनस्‍ताप एवं मनोविदलता प्रकार है – मानसिक विकार के
  • डिस्‍लेक्सिया में बच्‍चों को परेशानी होती है – पढ़ने लिखने में
  • बाल अपराध के लिए जिम्‍मेदार शैक्षिक कारणों में निम्‍नलिखित में से कौन सा कारण नहीं आता है – खराब संगत
  • निम्‍न कथनों में से कौन सा सही नहीं है – सृजनशीलता और परिपक्‍वता के बीच दूरी का संबंध होता है।
  • निम्‍नलिखित में से परिवार संबंधित बाल अपराध का कारक कौन सा है – विघटित परिवार
  • यदि एक बालक कक्षा का औसत कार्य नहीं कर पाता है, तो वह – पिछड़ा बालक
  • छात्रों में चोरी करने की आदत को कैसे दूर किया जा सकता है – उदाहरण देकर
  • ‘बालक के अपराधी बनने में पारिवारिक पर्यावरण उत्‍तरदायी होता है’ यह मुख्‍यत: अवधारणा है – हैडफिल्‍उ
  • कम गति से सीखने वाले बच्‍चों के लिए अध्‍यापक को क्‍या करना चाहिए – टोली शिक्षण, अतिरिक्‍त ध्‍यान व शिक्षण, प्रोत्‍साहन
  • असाधारण छात्र वे होतेहैं, जो – सामान्‍य से परिवर्तित हैं।
  • ……….. प्रतिभाशाली होने का संकेत नहीं है – दूसरों के साथ झगड़ना।
  • ……….. के कारण प्रतिभाशालिता होती है – आनुवांशिक रचना व वातावरणीय अभिप्रेरणा का संयोजन
  • किशोर अपराध के उपचार हेतु निम्‍न में से कौन-सा तरीका सही है – संगी-साथियोंके साथ रखा जाए, व्‍यावसायिक चिकित्‍सा दी जाए, बाल कारागार में भेजा जाए।
  • विद्यालय से पलायन करने वाले बालक के अध्‍ययन की सबसे उपर्युक्‍त विधि है – केस स्‍टडी विधि
  • निम्‍न में से कौन विशेष आवश्‍यकता वाले बालकों के वर्ग में आता है – प्रतिभावान, मानसिक रूप से पिछड़े, शारीरिक रूप से अक्षम, सामाजिक रूप से अक्षम सभी
  • अध्‍यापक के दृष्टिकोण से प्रतिभाशीलता किसका संयोजन है – उच्‍च योग्‍यता – उच्‍च सृजनात्‍मकता – उच्‍च वचनबद्धता
  • अंतर्मुखी व्‍यक्तित्‍व वाले व्‍यक्ति रुचि रखते हैं – स्‍वयं अपने में
  • प्रत्‍येक शिक्षार्थी स्‍वयं में विशिष्‍ट है, इसका अर्थ है, कि – कोई भी दो शिक्षार्थी अपनी योग्‍यताओं, रुचियों और प्रतिभाओंमें एक समान नहीं होते हैं।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा कारकमंद बुद्धि बालक के लिए आवश्‍यक नहीं है – मौलिकता
  • निम्‍नलिखितमें से कौन-कौन से पिछड़े बच्‍चों की समस्‍याएँ होती हैं – कम शैक्षणिक योग्‍यता, संवेगात्‍मक समस्‍याएँ, सामाजिक समस्‍याएँ

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  • बच्‍चे की जिज्ञासा शांत करनी चाहिए – तत्‍काल जब विद्यार्थी द्वारा जिज्ञासा की गई है।
  • बाल अपराध का कारण है – माता-पितामें अनबन (कलह) रहना।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सी मानसिक मंदता की विशेषता नहीं है – अन्‍तवैयक्तिक संबंधों का कमजोर होना।
  • अंधो बालकों को शिक्षण देने की पद्धति है – ब्रेल लिपि
  • एक शिक्षिका अपनी कक्षा के प्रतिभाशाली बच्‍चों की योग्‍यताओं (Potential) की उपलब्धि चाहती है। अपने उद्देश्‍य की प्राप्ति के लिए उसे निम्‍नलिखित में से क्‍या नहीं करना चाहिए – उनकी सृजनात्‍मकता को समृद्ध करने के लिए उन्‍हें चुनौती देना।
  • विशिष्‍ट बालकों के अन्‍तर्गत निम्‍नलिखिन में से कौन सा बालक आता है – पिछड़ा बालक, प्रतिभाशाली, मंद बुद्धि
  • किसी बच्‍चे में सृजनशीलता विकसित करने के लिए अध्‍यापक को नहीं करना चाहिए – बच्‍चे की क्रियाओं को प्रतिबंधित करना।
  • बच्‍चों में सृजनशीलता का मापन करने के लिए निम्‍न में से कौन सा एक परीक्षण नहीं हैं – पहाड़ा लिखना।
  • टोरन्‍स के सृजनात्‍मकता परीक्षण द्वारा किस तत्‍व का मापन नहीं होता है – तार्किकता
  • सृजनात्‍मकता मुख्‍य रूप से संबंधित होती है – अपसारी चिन्‍तन
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा सृजनात्‍मकता का तत्‍व नहीं है – स्‍मृतिकरण
  • एक बालक असंभव प्रतीत होने वाली कल्‍पना करता है, यह संकेत है, उसकी – सृजनशीलता
  • एक बालक अनुपयोगी प्‍लास्टिक थैलियों से कलात्‍मक वस्‍तु बनाता है, यह दर्शाता है – सृजनशीलता
  • सृजनात्‍मकता एवं बुद्धि के सहसंबंध के बारे में निम्‍न में से कौन सा कथन सही है – सृजनात्‍मक होने के लिए प्राय: औसत से अधिक बुद्धि होनी चाहिए।
  • सृजनात्‍मकता की पहचान के लिए गिलफोर्ड ने जिन परीक्षणों का निर्माण किया, उनके द्वारा सृजनात्‍मकता विभिन्‍न गुणों का मापन करते हैं, निम्‍न में से कौन सा विकल्‍प केवल उन गुणों को अंकित करता है – निरंतरता, लोचनीयता, मौलिकता, विस्‍तार
  • निम्‍न में से एक मनोवैज्ञानिक के अलावा बाकि सबने सृजनात्‍मकता का परीक्षण नहीं किया है – बाकर मेंहदी
  • सृजनात्‍मकता शिक्षार्थी वह है, जो – पार्श्‍व (लेट्रल) चितन और समस्‍या समाधान में अच्‍छा है।
  • सृजनात्‍मकता उत्‍तरों के लिए आवश्‍यक है – मुक्‍त उत्‍तर वाले प्रश्‍न
  • सृजनात्‍मकता बच्‍चों का मूल गुण है – वे मौलिक चिंतन करते हैं।
  • सृजनशील बालकों का विशेष लक्षण है – प्रबल जिज्ञासा
  • निम्‍नलिखित मे सृजनशीलता का प्रमुख तत्‍व क्‍या नहीं है – अनुशासन
  • निम्‍नलिखित में से बच्‍चों के सृजनात्‍मकता के विकास में सहायक नहीं है – भाषण
  • बच्‍चों में सृजनात्‍मकता विकसित नहीं की जा सकती – किसी जाँच पड़ताल करने के लिए उनको हतोत्‍साहित करके
  • निम्‍न में से कौन सा कथन सही नहीं है – सृजनशीलता के लिए चिंतन आवश्‍यक नहीं है।
  • विद्यार्थियों की किसी समस्‍या के भावी परिणामों को विश्‍लेषण करने के लिए उत्‍साहित करके, उन पर सृजनशीलता से सम्‍बन्धित प्रभाव होता है – अपने स्‍वयं के सृजनशीलता से सम्‍बन्धित अपने विचार व्‍य‍क्‍त करने में उनके लिए सहायक होंगे।
  • नवीन विचार का सृजन उत्‍पादन व मौलिक चिन्‍तन आवश्‍यक गुण है – सृजनात्‍मकता का
  • सृजनात्‍मकता मुख्‍य रूप से …………. से सम्‍बन्धित है – अपसारी (बहुविध)
  • विज्ञान एवं कला प्रदर्शनियाँ, संगीत एवं नृत्‍य प्रस्‍तुतियाँ तथा विद्यालय पत्रिका निकालना ………… के लिए है – शि‍क्षार्थियों को सृजनात्‍मक मार्ग उपलब्‍ध कराने
  • निम्‍न में से कौन सा शिक्षार्थियों में सृजनात्‍मकता का पोषण करता है – प्रत्‍येक शिक्षार्थी की अन्‍तर्जात प्रतिभाओं का पोषण करने प्रश्‍न करने के अवसर उपलब्‍ध कराना।
  • सृजनशीलता के पोषण हेतु, एक अध्‍यापक को अपने विद्यार्थियों को रखना चाहिए – कार्य केन्द्रित एवं लक्ष्‍य केन्द्रित
  • सृजनशीलता के पोषण के लिए एक अध्‍यापक को निम्‍न‍लिखित में किस विधि की सहायता लेनी चाहिए – ब्रेन स्‍टार्मिंग / विचारावेश
  • सृजनात्‍मकता की पहचान होती है – नवीन रचना या उत्‍पादन से
  • सृजनात्‍मकता संबंधित है – अपसारी चिन्‍तन से
  • ‘अपूर्ण रेखाचित्र के अर्थपूर्ण तथा रूचिकारक चित्रों को बनाना’ मापन के लिए एक पद होगा – सृजनात्‍मकता के
  • निम्‍न में से कौन सी सृजनात्‍मक बालक की विशेषता नहीं है – कठोर
  • सृजनात्‍मक परीक्षणों में किन भारतीयों का परीक्षण प्रसिद्ध है – बाकर मेहंदी और पासी
  • बालक में सृजनात्‍मकता की शक्ति कहलाती है – अंतर्निहित शक्ति, नवीन क्षमता, उत्‍पादक क्रिया सभी शक्तियाँ
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा तरीका अध्‍यापिका के द्वारा एक सृजनात्‍मकता बच्‍चे की पहचान करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्‍त होगा – बच्‍चे का विस्‍तृत रूप से अवलोकन करना, विशेष रूप से उस समय जब वह समस्‍याओं को हल करती है।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा सृजनात्‍मकता का तत्‍व नहीं है – समस्‍याएँ न सुलझाना
  • एक बालक सामान्‍य वस्‍तु के नये-नये उपयोग करता है, यह दर्शाता है – सृजनशीलता
  • एक बालक अनुपयोगी वस्‍तुओं से सुन्‍दर वस्‍तु बनाता है, यह दर्शाता है – सृजनशीलता
  • निम्‍न में से समायोजन का तरीका नहीं है, वह है – कुशिक्षा
  • विद्यालय में शिक्षक बालकों के समायोजन के लिए कार्य नहीं करेगा – कठोर दण्‍ड देगा।
  • कुसमायोजित व्‍यक्तित्‍व का लक्षण है – मन व बुद्धि अस्थिर

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Nitin Gupta

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मेरा उद्देश्य हिन्दी माध्यम में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने बाले प्रतिभागियों का सहयोग करना है !! आप सभी लोगों का स्नेह प्राप्त करना तथा अपने अर्जित अनुभवों तथा ज्ञान को वितरित करके आप लोगों की सेवा करना ही मेरी उत्कट अभिलाषा है !!

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